Darbhanga News: दरभंगा. सीएम कॉलेज में एनसीसी एवं आइक्यूएसी की ओर से चल रहे चार दिवसीय ऑनलाइन तथा ऑफलाइन व्याख्यानमाला के अंतिम दिन समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुये डॉ बिन्दु चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय इतिहास और मूल्य- बोध को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है. अमृत महोत्सव का उद्देश्य देश और समाज में व्याप्त सामाजिक विद्रूपता, धार्मिक कट्टरता रूपी विष को दूर कर भारतीय ज्ञान परंपरा, लोक संस्कार व संस्कृति को स्थापित करना है. सद्चरित्र युक्त साहसी नौजवानों का निर्माण युग की जरूरत है. कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन में मनसा-वाचा-कर्मणा होनी चाहिए, तब ही भारत 2047 की संकल्पना मुकम्मल होगी.
संस्कार ही जीवन का आभूषण- डॉ संजीत
डॉ संजीत झा ने कहा कि स्वच्छता और संस्कार दोनों जीवन में जरूरी है. संस्कार ही जीवन का आभूषण है. सुख-दुःख दोनों ही अवस्थाओं में तटस्थ रहना आचरण की स्वच्छता है. भारतीय वांग्मय में भोज्य-संस्कृति, रीति-परंपरा, देश-परिवार, मानवीय व पारिवारिक संबंधों की बुनावट संस्कार की स्वच्छ्ता के नींव हैं. डॉ अखिलेश कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कारों का उल्लेख मिलता है, जिनमें स्वच्छता महत्वपूर्ण है. सभ्यता के साथ ही सुरक्षा, राजनीति, प्रशासन, पर्यावरण के संरक्षण से मुकम्मल राष्ट्र निर्माण पर बल दिया स्वागत रोशन प्रसाद एवं धन्यवाद ज्ञापन आदित्य झा ने किया. कार्यक्रम में कैडेट्स, शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. एनसीसी के एएनओ ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि दो अक्तूबर की पूर्व संध्या पर कल ””””श्रमदान- स्वच्छ प्रदेश”””” विषय पर जागरुकता रैली निकाली जाएगी.
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