Darbhanga News: बेहतर जल प्रबंधन से मिथिला को बनाया जा सकता है खुशहाल

Darbhanga News:एमएलएसएम कॉलेज में आइक्यूएसी व इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज की ओर से "मिथिला में जल संरक्षण : दशा एवं दिशा " विषय पर संवाद कार्यक्रम प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 10:35 PM

Darbhanga News: दरभंगा. एमएलएसएम कॉलेज में आइक्यूएसी व इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज की ओर से “मिथिला में जल संरक्षण : दशा एवं दिशा ” विषय पर संवाद कार्यक्रम प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई. इसमें उच्च शिक्षा सलाहकार प्रो. नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ उत्तर बिहार अमूमन हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलता है, तो दूसरी ओर दक्षिण बिहार पानी के एक-एक बूंद के लिये तरसता है. जिस राष्ट्र व प्रदेश के पास जल का स्टॉक है, वह समृद्ध व खुशहाल है. कहा कि मिथिला में सिर्फ जल प्रबंधन पर काम हो जाय, तो हम सालों भर पूरे बिहार को न सिर्फ पीने योग्य पानी की आपूर्ति सकते हैं, बल्कि दूसरे प्रदेशों को भी पानी दे सकते हैं. कहा कि पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस दिशा में काम किया है. नहर बनाने की दिशा में काम हो रहा है. जल प्रबंधन कर अभिशाप को वरदान में बदला जा सकता है.

डैम बनाकर बाढ़ की विभीषिका से बचाव संभव- प्रो. मुनेश्वर

लनामिवि के पीजी राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा कि मिथिला में जल प्रबंधन की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है. मिथिला के लिए बाढ़ विभीषिका का रूप ले चुकी है. सरकार डैम बनाकर मिथिला क्षेत्र को बाढ़ की विपदा से बचा सकती है. उसी पानी से हम बिजली तैयार कर सकते हैं. सिंचाई में अव्वलता प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही पीने योग्य पानी तैयार कर सकते हैं.

जल प्रबंधन की दिशा में काम करना होगा बहुत काम- डॉ विद्यानाथ

पूर्व प्रधानाचार्य डॉ विद्यानाथ झा ने कहा कि जल प्रबंधन कर बिहार पानी का सबसे बड़ा निर्यातकर्ता बन सकता है. जल संकट बिहार में भी गहराता जा रहा है. इसी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने हर घर नल का जल योजना बनायी. कहा कि अभी भी जल प्रबंधन की दिशा में बिहार में बहुत काम करना होगा. जल प्रबंधन पर काम हो जाय, तो मिथिला खेती के क्षेत्र में अव्वल हो जाएगी.

कुआं बचाना समाज के लिए चुनौती- नारायण जी

तालाब बचाओ अभियान के नारायण जी चौधरी ने कहा कि आज से 20-30 साल पहले तक बिहार के हर गांव में तालाब व कुआं की भरमार थी. अब शहर से लेकर सुदूर देहात तक तालाब व कुआं गायब हो रहे हैं. कुआं तो शायद अभी की पीढ़ी भी नहीं देख पाये. इसे बचाना समाज के लिए चुनौती है. कहा कि सरकार जल संरक्षण तथा हरियाली आदि योजना पर काम कर रही है. तालाब खुदवाने वालों को सब्सिडी मिल रही है. इसको लेकर समाज में जागरुकता लाने की जरूरत है.

बिना जल के सृष्टि की कल्पना नहीं कर सकते- डॉ शंभू

प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव ने इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि हम कितना भी आधुनिक हो जाएं, लेकिन जल सबकी जरूरत है. बिना जल के मानव जीवन क्या सृष्टि की कल्पना नहीं कर सकते. इंटेक, दरभंगा चैप्टर के शिव कुमार मिश्र आदि ने भी विचार रखा. कालेज के संस्थापक सचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी “बैजू ” ने पाग, चादर व पौधा देकर अतिथियों को सम्मानित किया. संचालन डॉ सतीश कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुबोध चंद्र यादव ने किया.

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