Darbhanga News:दरभंगा. जिला भू- निबंधन कार्यालय परिसर में आजकल तिल तक रखने की जगह नहीं रहती. सुबह होते ही क्रेता, विक्रेता, पहचानकर्ता, गवाह सहित कातिब एवं मुंशी के कदम कार्यालय की ओर बढ़ने लगते हैं. जमीन के केवाला को लेकर देर शाम तक लोगों की भीड़ जमी रहती है. जिला अवर निबंधन पदाधिकारी सहित कर्मचारियों की भी आजकल रात 10 बजे के बाद ही घर वापसी होती है. यह स्थिति करीब दो सप्ताह से दिख रही है. बता दें कि वर्तमान में बिना जमाबंदी वाली जमीन को बेची जा सकती है. लोगों के बीच यह अफवाह फैला दी गयी है, कि 24 सितंबर से पहले जमीन की खरीद-बिक्री कर लें. निर्णय में बदलाव आ सकता है. बिना जमाबंदी वाली जमीन बेचने पर रोक लग सकती है. यही कारण है कि संबंधित लोग जमीन बेचने को लेकर बैचेन हैं.
पिछले वर्ष की तुलना में 1.77 करोड़ रुपये अधिक राजस्व मिला
जिला भूमि निबंधन वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 के 01 से 18 सितंबर का आंकड़ा देखें तो दोनों वर्ष में इन तिथियों में भूमि निबंधन एवं निबंधन से प्राप्त राजस्व में काफी अंतर दिख रहा है. वर्ष 2023 के 01 से 18 सितंबर की तुलना में वर्ष 2024 में इस तिथि में 1364 अधिक भूमि निबंधन हुआ. निबंधन से विभाग को 01 करोड़ 77 लाख 46 हजार 684 रुपया अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है. आंकड़ा बताता है कि वर्ष 2023 में 01 से 18 सितंबर के बीच 783 भूमि निबंधन से 93 लाख 86 हजार 909 रुपए राजस्व प्राप्त हुए. वहीं वर्ष 2024 में इस तिथि के बीच विभाग को 2147 भूमि निबंधन से 02 करोड़ 71 लाख 33 हजार 593 रुपया राजस्व प्राप्त हुआ है.
24 सितंबर को न्यायालय में है सुनवाई
जानकारी के अनुसार मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने 10 अक्तूबर 2019 नियम में बदलाव कर अधिसूचना जारी की थी. इस नियम के तहत जिस रैयत के नाम जमाबंदी होगी, वही जमीन की रजिस्ट्री कर सकता है. इससे विभाग को करोड़ों रुपए के राजस्व का प्रतिदिन नुकसान होने लगा. निबंधन कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसर गयी. फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय में अपील की. उच्च न्यायालय ने नये नियम पर तत्काल रोक लगा दी. इससे बिना जमाबंदी के ही भूमि निबंधन का कार्य फिर प्रारंभ हो गया था. 22 फरवरी 2024 को विभागीय आदेश जारी कर कहा गया कि जमाबंदी जिनके नाम होगी, वही भूमि बेचने का हकदार होगा. उच्च न्यायालय के आदेश पर विभाग ने 20 मई 2024 से फिर बिना जमाबंदी के निबंधन प्रारंभ कर दिया. उच्च न्यायालय में 24 सितंबर को मामले की सुनवाई है. इसी के मद्देनजर यह स्थिति बनी है.
कहते हैं अधिकारी
जिला भूमि निबंधन अवर पदाधिकारी स्वीटी सुमन ने बताया कि अफवाह के कारण जिनके नाम जमाबंदी है तथा नहीं है, दोनों परेशान हैं. कुछ लोग अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इससे बचने के लिए नोटिस बोर्ड एवं माइक से अनाउंस कर लोगों को सही जानकारी दी जा रही है. बावजूद उहापोह की स्थिति में, गुमराह होकर लोग जल्दबाजी में भूमि निबंधन करा रहे हैं. जमाबंदी वाले रैयत एवं बिना जमाबंदी वाले रैयत का भूमि निबंधन होगा अथवा नहीं होगा, अब तक राज्य मुख्यालय से अथवा न्यायालय से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. वर्तमान में बिना जमाबंदी के भी भूमि निबंधन हो रहा है.
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