जीएनएम स्कूल का छात्रावास जर्जर, बारिश में हो जाती नारकीय स्थिति
डीएमसीएच परिसर में संचालित जीएनएम स्कूल की करीब 150 नर्सिंग छात्राएं वर्षों से जर्जर होस्टल में रहने को मजबूर हैं.
दरभंगा. डीएमसीएच परिसर में संचालित जीएनएम स्कूल की करीब 150 नर्सिंग छात्राएं वर्षों से जर्जर होस्टल में रहने को मजबूर हैं. आये दिन होस्टल की छत से कंक्रीट का टुकड़ा गिरता रहता है. बारिश के समय स्थिति और विकट हो जाती है. इस स्थिति में छात्रा पूरी रात जगकर बिताती है. आर्थिक रूप से विपन्न अधिकांश छात्राओं के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. स्थिति की जानकारी हर माह विभाग को दी जाती है, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो सका है. छात्राओं का कहना है कि वे छात्रावास में जोखिम उठाकर रहने को बाध्य हैं. तीन अगस्त को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सर्जरी बिल्डिंग का निरीक्षण किया था. मौके पर नर्सिंग छात्राओं ने होस्टल की समस्या को लेकर सचिव से मुलाकात थी. सचिव ने छात्राओं को दशहरा से पहले परिसर में बन रहे प्री फेब्रिकेटेड भवन में शिफ्ट करने का आवश्वासन दिया. विदित हो कि प्री फेब्रिकेटेड भवन 2022 में ही बन जाना था. 14 दिसंबर 2021 को तत्कालीन अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने इसका भूमि पूजन किया था. ठेकेदार की ओर से कहा गया था कि अगले छह माह में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. छात्राओं का कहना है कि अगर समय से प्री फेब्रिकेटेड भवन का निर्माण हो जाता तो ऐसी स्थिति नहीं रहती. ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा छात्राओं व प्रभारी प्राचार्य को भुगतना पड़ रहा है.
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