मिथिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ
कर्मचारियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है. सभी संवर्ग के अर्हताधारी कर्मचारियों को 15 जुलाई तक प्रमोशन दे दिया जायेगा.
दरभंगा. मिथिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है. सभी संवर्ग के अर्हताधारी कर्मचारियों को 15 जुलाई तक प्रमोशन दे दिया जायेगा. विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में कुलपति ने यह निर्णय दिया है. इसके साथ ही 24 जून से चल रहा कर्मचारियों का आंदोलन बुधवार को समाप्त हो गया. मालूम हो कि प्रोन्नति समेत अन्य मांगों के समर्थन में कर्मचारी कार्य बहिष्कार आंदोलन कर रहे थे. कर्मचारी दोपहर करीब एक बजे काम पर लौट गये. इससे पहले कर्मचारियों ने विवि मुख्यालय के सभी विभागों में तालाबंदी कर दी. कर्मचारी पार्किंग एरिया में धरना पर बैठ गये. दूरदराज से आये छात्र- छात्रा विभागों को खुलने के इंतजार में दोपहर तक इधर-उधर भटकते रहे. उधर, कर्मचारी संघ के सात सदस्यीय प्रतिनिधियों की वार्ता सुबह में कुलपति के आवासीय कार्यालय प्रारंभ हुई. इसमें वीसी प्रो. संजय कुमार चौधरी सहित कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित, उपकुलसचिव डॉ कामेश्वर पासवान आदि शामिल थे. जबकि कर्मचारियों की ओर से प्रदेश अध्यक्ष शंकर यादव, विवि सचिव मनोज कुमार राम के अलावा अशोक कुमार अरविंद, राम सेवक भारती, सरोज कुमार चौधरी, प्रभाकर झा एवं साकेत मिश्रा शामिल हुए. वार्ता में सहमति बनी की 15 जुलाई तक सभी संवर्ग के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कालबद्ध प्रोन्नति देते हुए पद का प्रभार सौंप दिया जायेगा. प्रोन्नति के लिए जांच परीक्षा नहीं देनी होगी. प्रोन्नति की अर्हता जांच के लिए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह की अध्यक्षता एवं लनामिवि के उपकुलसचिव डॉ कामेश्वर पासवान के संयोजन में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की गई. इसमें कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित, कर्मचारी संघ से अमृत नाथ झा, संयुक्त सचिव प्रमोद कुमार यादव, प्रभाकर झा बतौर सदस्य शामिल किये गये. वार्ता में यह भी सहमति बनी की विवि मुख्यालय से जिन कर्मचारियों को कालेज भेजा गया है उन्हें वापस लाया जायेगा. इसके लिए संबंधित कर्मचारियों को आवेदन देना होगा. आवेदन के आलोक में विवि कमेटी गठित करेगा. कमेटी तय करेगी कि कर्मी को विवि मुख्यालय किस तरह वापस लाया जाये. वंचित कर्मचारियों को शीघ्र एमएसीपी का लाभ दिये जाने पर सहमति बनी. कर्मचारियों ने बताया कि लिये गये निर्णय को तय समय सीमा के भीतर लागू नहीं किया गया तो वे फिर से आंदोलन पर चले जायेंगे. चर्चा है कि 25 जून की शाम प्रोन्नति समिति की बैठक हुई. इसमें प्रोन्नति दिये जाने का निर्णय तो लिया गया, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की गई. इस समेत कुछ अन्य बातों को लेकर कर्मचारियों ने विवि के अधिकारियों के सामने नाराजगी जतायी. इस क्रम में संघ से कुछ कर्मचारियों ने विवि के एक वरीय अधिकारी के प्रति अभद्र भाषा का उपयोग किया. मामले में प्रोन्नति समिति के एक कद्दावर सदस्य भी विवि का पक्ष लेकर कूद पड़े. नतीजतन उन्हें भी कर्मचारियों के कोप का भाजन बनना पड़ा.
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