21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

VIDEO: बिहार के स्कूल का हाल देखिए, सड़क पर लगती है 174 बच्चों की क्लास, खटाल में बनता है खाना

दरभंगा जिले में एक प्राथमिक विद्यालय है. जहां बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. इस स्कूल के शिक्षक सड़क पर पॉलिथीन टांगकर पढ़ाते हैं.

बिहार सरकार के द्वारा शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे है. बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन कर शिक्षकों की भर्ती ले रही है. योग्य शिक्षकों की बहाली हो रही है. इसका कारण यह है कि बिहार की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को नई उमंग मिल सके. इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने सख्त अंदाज के लिए जाने जाते हैं. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में दिन- रात एक किए जा रहे है. चाहे शिक्षा विभाग के द्वारा छुट्टियों के कटौती हो रही है. इसके अलावा शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचकर स्कूल का संचालन कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की कोशिश लगातार जारी है.

लेकिन, दरभंगा जिला के किरतपुर प्रखंड की रसियारी पंचायत के सिरसिया गांव स्थित एक प्राथमिक विद्यालय है. जहां बच्चों के स्कूल में पढ़ने के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस विद्यालय के शिक्षक सड़क पर पोलोथिन टांगकर पढ़ाते है. विद्यालय का भवन और जमीन नहीं है. यह कारण है कि कक्षा एक से पांच तक कि 174 नामांकित बच्चों की पढ़ाई सड़क पर ही संचालित हो रही है. इसमें 98 लड़के और 76 लड़कियां है. जमीन व भवन के अभाव में स्कूल का मिड डे मील पशु खटाल में बनता है. साथ ही सड़क के दोनों किनारे बच्चे बैठक खुले आसमान के नीचे भोजन करते है. इसके अलावा स्कूल के शिक्षिका और छात्राएं खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं.

बिहार लोक सेवा आयोग से यहां शिक्षक का चयन हुआ है. शिक्षक विशाल कुमार बताते है कि ऐसी खराब स्थिति को कल्पना नहीं थी. लेकिन, अब जो है और जितना मिला है, उसी को सुचारु ढंग से जलने का प्रयास हम लोगों को द्वारा किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि यहां पर रिसोर्स की बहुत कमी है. जो साधन है उसमें ही हम लोगों को पढ़ाई पूरी करनी पड़ेगी. ऐसी स्थिति में बच्चों को एक जगह एकत्रित कर बैठना मुश्किल हो जाता है. कई बार बच्चे शौच का बहाना बना कर पीछे से चले जाते है. स्कूल को बेहतरीन बनाने के लिए हमारे स्कूल के प्राचार्य के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है कि बहुत जल्द स्कूल को भवन और सारी सुख सुविधा उपलब्ध होगी.

बता दें कि इस स्कूल की स्थापना 2011 में की गई थी. इसके बाद 2014 तक इसी स्थिति में स्कूल संचालित होता रहा. जिसके बाद 2018 तक बगल के ही कठार प्राथमिक विद्यालय में विभाग के आदेश पर शिफ्ट कर दिया गया और पुनः 2018 से विद्यालय इसी स्थिति में संचालित हो रही है. बच्चे अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भी बांस व बल्ले पर पॉलीथिन डाल कर सड़क पर दिया गया. स्कूल भवन के शक्ल में बोरा पर बैठते हैं और शौच के लिए खुले आसमान के नीचे खेतों में जाना पड़ता है. जिले में कुल 2505 स्कूलों की संख्या है. जिसमें 1418 प्राथमिक स्कूल है, 741 मिडिल स्कूल, 346 हाई स्कूल है

Also Read: केके पाठक के विभाग का नया आदेश, 25 दिसंबर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें