प्रभारी प्रधानाचार्य को हटाये जाने तक कॉलेज में रहेगा तालाबंदी

मिथिला महिला महाविद्यालय आजमनगर में दूसरे दिन मंगलवार को भी तालाबंदी आंदोलन जारी रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 11:09 PM

दरभंगा. शिक्षाकर्मियों का 11 माह का लंबित मानदेय एवं राज्यानुदान भुगतान तथा प्रभारी प्रधानाचार्य को पद मुक्त करने की मांग को लेकर मिथिला महिला महाविद्यालय आजमनगर में दूसरे दिन मंगलवार को भी तालाबंदी आंदोलन जारी रहा. प्रभारी प्रधानाचार्य के खिलाफ शिक्षाकर्मियोंने जमकर नारेबाजी की. कहा कि जब तक प्रभारी प्रधानाचार्य पर विश्वविद्यालय की ओर से गठित जांच कमिटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर पद से नहीं हटाया जाएगा, तब तक तालाबंदी जारी रहेगा. कहा कि शिक्षाकर्मी 11 महीने से मासिक मानदेय एवं राज्यानुदान के लिए तरस रहे हैं. कर्मियों ने कहा कि 24 मई को कॉलेज में आयोजित स्नातक सेकेंड सेमेस्टर की सीआइए परीक्षा, बीए और बीएसी (सत्र 2024-27) की परीक्षा में बिना विश्वविद्यालय की अनुमति के 300 रुपया प्रति छात्रा अवैध वसूली की गयी है. बिना शासी निकाय की अनुमति के राशि का बंदरबांट किया गया है. इसके खिलाफ छात्र संगठनों ने भी आवाज उठायी, लेकिन प्रभारी प्रधानाचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिक्षक प्रतिनिधि अखिल रंजन झा ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्राओं से किसी भी तरह का फीस लेना वर्जित किये हुए है, फिर ये छात्राओं से कॉलेज में नाजायज वसूली हो रही है. नामांकन में तो पैसा नहीं लिया जाता है, मगर प्रभारी प्रधानाचार्य के चहेते कर्मी नामांकन में प्रति छात्रा 100 रुपये का वसूली करते हैं. अखिल रंजन झा ने कहा कि आंदोलन की सूचना प्रभारी प्रधानाचार्य सहित कुलपति, कुलसचिव, शासी निकाय के सचिव, अध्यक्ष एवं विवि प्रतिनिधि को दे चुके हैं. अद्यतन स्थिति से भी उन सभी अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. अभी तक किसी स्तर से वार्ता की पहल नहीं की गयी है. लोहिया चरण सिंह कालेज के नवल यादव ने भी प्रभारी प्रधानाचार्य की हठधर्मिता पर हमला किया. कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित का कहना है कि आंदोलन के बाबत मिली सूचना को कॉलेज निरीक्षक कार्यालय भेज दिया गया है. वहां से अभी तक प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. वहीं कालेज निरीक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि मामला संबद्ध काॅलेज से जुड़ा है. प्रशासनिक दृष्टिकोण से इसमें सबसे पहले वहां के शासी निकाय के अध्यक्ष एवं सचिव को पहल करनी चाहिए. उनके प्रतिवेदन के आलोक में विवि आगे विधिसम्मत कदम उठायेगा.

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