दरभंगा. डीएमसीएच में बेहतर चिकित्सा सुविधा के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में आ गया है. अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों का अब लापरवाही भारी पड़ेगी. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एवं अन्य अधिकारियों के साथ दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा तथा अधीक्षक डॉ अलका झा की बैठक हुई. मंत्री ने प्राचार्य से कहा कि चिकित्सकों की गैरमौजूदगी मरीजों के हित में नहीं है. डयूटी से लापरवाह डॉक्टरों का ब्योरा भेजने को कहा. मंत्री ने कहा कि भगोड़े चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई विभाग करेगा. बैठक में अस्पताल के ढांचागत संरचना में सुधार की जानकारी भेजने को कहा गया. बेहतर चिकित्सा को लेकर जरूरी उपकरण का लिस्ट एक सप्ताह के भीतर भेजने का निर्देश दिया गया, ताकि उसकी शीघ्र आपूर्ति की जा सके. डीएमसीएच में चिकित्सकों की कमी के मद्देनजर जल्द प्रतिनियुक्ति का आश्वासन दिया गया. बैठक में मौजूद बीएमएसआइसिल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड) के अधिकारियों को न्यू सर्जरी भवन के बांकी कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया, ताकि डीएमसीएच के ओटी, ब्लड बैंक, आपातकालीन विभागों को वहां शिफ्ट किया जा सके. विदित हो कि अस्पताल परिसर स्थित पुराने सर्जरी बिल्डिंग को तोड़ने का काम अभी रूका है. बिल्डिंग में संचालित सीओटी व ब्लड बैंक का काम बाधित होने के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है न्यू सर्जरी बिल्डिंग में इन विभागों को शिफ्ट किया जाना है. बीएमएसआइसिल द्वारा निर्धारित तिथि के भीतर कार्य पूरा नहीं किये जाने को लेकर डीएमसी प्रशासन ने मीटिंग में यह मामला उठाया था. पूर्व मे विभाग की ओर से डीएमसीएच परिसर की साफ- सफाई को लेकर जीविका को निर्देश दिया गया था. जीविका ने काम करने में असमर्थता को लेकर विभाग को सूचित कर दिया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि जीविका के अधिकारियों से बातचीत की जायेगी. बैठक में बताया गया कि अब 90 प्रतिशत से अधिक डॉक्टर विभाग पहुंचने लगे हैं. जानकारी दी गयी कि चिकित्सकों पर कार्रवाई के बाद स्थिति में बदलाव आया है. जानकारी के अनुसार अन्य मेडिकल कॉलेजों के अपेक्षा डीएमसीएच में चिकित्सकों की उपस्थिति बेहतर हुई है.
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