Darbhanga News:सदर .दुलारपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय रुचौल में बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है. आज भी इस विद्यालय के बच्चे पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर अपनी भविष्य गढ़ने को मजबूर हैं. बारिश होने पर उन्हें छुट्टी दे दी जाती है. विद्यालय के पास पर्याप्त व सुरक्षित भवन नहीं है. मालूम हो कि इस विद्यालय की स्थापना 1932 में हुई थी. इतने लंबे समय में इस विद्यालय ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन बुनियादी ढांचे में कोई सुधार नहीं हुआ. वर्ष 2009 में इसे प्राथमिक विद्यालय से उत्क्रमित मध्य विद्यालय का दर्जा तो मिला, लेकिन भवन अभी भी पर्याप्त नहीं है. यहां कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है, परंतु उन्हें बैठने के लिए व्यवस्था नहीं है. स्कूल में महज दो कमरे हैं. इसमें एक बड़ा कमरा का आधा से अधिक जगह टूटी हुई बेंच-डेस्क व मध्याह्न भोजन के चावल रखने के काम आता है. वहीं बच्चों को पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है. भवन के सामने से ग्रामीण खरंजाकरण सड़क भी गुजर रहा है. सड़क के उस पार विद्यालय के तीन शौचालय व चापाकल लगे हैं. इस सड़क से हमेशा ट्रैक्टर समेत वाहन को गुजरते रहने से बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है. वहीं दूसरे कमरे की स्थिति भी बेहतर नहीं है. यह एक छोटा कमरा है, जहां पर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन तैयार करने का सामान आदि रखने के उपयोग में लाया जाता है. पढ़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाला कक्ष सिर्फ एक ही है. इसमें इतनी जगह नहीं है कि सभी छात्र बैठ सके. बारिश होने पर स्कूल को बंद कर दिया जाता है, क्योंकि भवन की छत व फर्श भी सुरक्षित नहीं हैं. इधर अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय को दो कट्ठा जमीन उपलब्ध है, लेकिन अगल-बगल के निजी व्यक्तियों द्वारा उसे अतिक्रमित कर लिया गया है. वर्तमान में दूसरे के पेड़ लगे जमीन में बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है.
एक से आठवीं तक 280 छात्र-छात्राएं नामांकित
स्कूल में एक से आठवीं तक में 280 छात्र-छात्राएं नामांकित हैंं. वहीं 11 शिक्षक पदस्थापित हैं. इस संबंध में एचएम विन्देश्वर प्रसाद ने बताया कि बुनियादी सुविधा की कमी के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे जमीन पर बैठाकर पढ़ाया जाता है. इसकी शिकायत बार-बार शिक्षा विभाग से की गयी, लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं बीइओ से संपर्क नहीं हो सका. उनका सरकारी मोबाइल नंबर स्वीच ऑफ बताया जा रहा था. इधर पूछने पर डीइओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि एचएम संबंधित बीइओ के माध्यम से बुनियादी असुविधा का आवेदन देंगे. इसके उपरांत आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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