Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि ललित बाबू द्वारा संपन्न सारे कार्य सकारात्मक हैं. हमारे लिए यादगार एवं प्रेरक हैं. उनकी विचारधारा समाज को निरंतर आगे बढ़ाने तथा सामाजिक समरसता की स्थापना के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. ललित बाबू ने मात्र 53 वर्ष के जीवन काल में ही अनेकानेक सराहनीय एवं अनुकरणीय कार्य किये. वे पीजी अर्थशास्त्र विभाग के ललित नारायण मिश्र चेयर तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कोषांग की ओर से जुबली हाल में आयोजित ललित जयंती समारोह में रविवार को बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ललित बाबू की सोच को आगे बढ़ाने में विश्वविद्यालय पूर्णतः सक्षम है. उनकी अपनी धरती मिथिला से विशेष लगाव था. हमें ललित बाबू की तरह ही बिना किसी को दबाए हुए सकारात्मक रूप से सभी कार्य करना चाहिए. कुलपति ने चेयर में अवकाश प्राप्त शिक्षकों तथा शोधार्थियों को जोड़कर, उनके माध्यम से शोध-कार्यों, पुस्तकों के प्रकाशन तथा प्रति माह एक संगोष्ठी अवश्य करने का निर्देश दिया. कहा कि प्रोफेसर ज्ञान के पुंज होते हैं. हमारे विश्वविद्यालय की अब एक अलग पहचान बन गई है, क्योंकि अब यह शोध विश्वविद्यालय है. शिक्षक सिर्फ कार्य के घंटे देखकर नहीं, बल्कि छात्रहित में विश्वविद्यालय को हमेशा आगे बढ़ाने के लिये काम करें. सबके प्रति आदर भाव रखते हुए सहज एवं सरल रूप से छात्रों को शिक्षा एवं प्रेरणा दें. छात्र भी अपने शिक्षकों से अधिक से अधिक इंटरेक्ट कर लाभा उठाएं. मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ श्रुतिधारी सिंह ने मिथिला पेंटिंग के प्रचार-प्रसार में ललित बाबू के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने जयंती जनता ट्रेन में पहली बार मिथिला पेंटिंग उकेड़वायी थी. कहा कि ललित बाबू उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ, सच्चे समाजसेवी तथा कुशल प्रशासक थे. जीवन पर्यंत मिथिला के विकास का कार्य करते रहे. मौके पर मुख्य वक्ता सिंडिकेट सदस्य डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने विश्वविद्यालय तथा सीएम कॉलेज की स्थापना का इतिहास बताते हुए ललित बाबू के संघर्षों को याद किया. उन्होंने ललित सहित अन्य चेयरों की स्थापना का श्रेय कुलपति को देते हुए उनका धन्यवाद किया. डॉ चौधरी ने ललित बाबू को भारतरत्न देने की मांग करते हुए कहा कि ललित बाबू ने कहा था कि मैं रहूं या न रहूं बिहार अवश्य ही आगे बढ़कर रहेगा. संकायाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण ने कहा कि ललित बाबू एक व्यक्ति नहीं, बल्कि विशाल व्यक्तित्व थे, जिन्होंने मिथिला, बिहार तथा पूरे देश के विकास को गति प्रदान की. उन्होंने कहा कि ललित बाबू की विकासवादी सोच ने कोशी- बाढ़ की समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास किया. कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित ने कहा कि वे हमारे अमूल्य धरोहर हैं. मैथिली को साहित्य अकादमी में शामिल कराने, मिथिला पेंटिंग को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने तथा 36 रेल परियोजनाओं को प्रारंभ कराने सरीखे कई यादगार कार्य हैं. विशेष रूप से मिथिला को विकसित करने में उन्होंने पूरा जीवन लगा दिया. कार्यक्रम में बिहार गीत, कुलगीत तथा राष्ट्रगान पीजी संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किया. संचालन प्रो. अशोक कुमार मेहता, स्वागत ललित नारायण मिश्र चेयर के निदेशक डाॅ अंबरीष कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरएन चौरसिया ने किया. समारोह से पूर्व ललित बाबू की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया. मिथिलावासी भुला नहीं सकते ललित बाबू के अवदान फोटो. 1 परिचय. ललित बाबू के चित्र पर पुष्प अर्पित करते प्राधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी, साथ में अन्य. दरभंगा. पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र की जयंती रविवार को सीएम साइंस काॅलेज में मनायी गयी. प्रधानाचार्य कक्ष में महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने ललित बाबू के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने ललित बाबू के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि वे देश के लोकप्रिय नेताओं में से एक थे. मिथिला के विकास में उनके द्वारा दिए गये योगदान को मिथिलावासी कभी भुला नहीं सकते. उन्होंने ललित बाबू को भारत रत्न दिये जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि वे इस सम्मान पाने के वाजिब हकदार हैं. मौके पर एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ सत्येन्द्र कुमार झा ने कहा कि भारत के पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा द्वारा समूचे उत्तर बिहार में किया गया काम अभूतपूर्व है. कार्यक्रम में डाॅ सुजीत कुमार चौधरी, डाॅ अजय कुमार ठाकुर, डाॅ विश्व दीपक त्रिपाठी, प्रवीण कुमार झा, चेतकर झा, जयकांत कामति, चन्द्रकांत चौधरी, दिलीप मंडल, विकास कुमार, जयनारायण यादव, रतन मिश्र, मिसरी साह आदि उपस्थित थे. रेल से देश के अन्य हिस्सों से मिथिला को जोड़ने में ललित नारायण मिश्र की अहम भूमिका दरभंगा. एमएमटीएम काॅलेज में प्रभारी प्रधानाचार्य डाॅ राज किशोर झा की अध्यक्षता में पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र की जयन्ती रविवार को मनायी गयी. मौके पर संस्थापक सचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी ने कहा कि ललित बाबू का देश एवं आधुनिक मिथिला के विकास में अहम योगदान रहा है. रेल मंत्री के रूप में उन्होंने मिथिला को देश के अन्य भाग से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैथिली भाषा को साहित्य अकादमी में स्थान दिलायी. मिथिलावासी उनका सदा ॠणी रहेंगे. उन्होंने भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न देने की मांग की. शासी निकाय सचिव सचिव डाॅ राम सुदिष्ट चौधरी ने कहा कि ललित बाबू मिथिला के सच्चे सपूत थे. डाॅ राज किशोर झा ने उन्हें अर्थशास्त्री के रूप में याद करते हुए कहा कि वे एक दूरदर्शी राज नेता थे. श्रद्धांजलि देने वालों में डाॅ विजय चंद्र ठाकुर, चंद्र शेखर झा, भरत कुमार मिश्र, किरण कुमार झा, भरत कुमार, राजेन्द्र ठाकुर, वित्त समिति सदस्य अरविन्द सिंह आदि मौजूद थे.
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