बेनीपुर. सकरी-हरनगर रेलखंड पर लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ नहीं किये जाने के कारण यह खंड लोगों के लिए अनुपयोगी बना हुआ है. रेलवे की उदासीनता के कारण आज तक न तो इस रेलखंड का समुचित विकास हो पाया और न ही लंबी दूरी की एक भी ट्रेन का परिचालन प्रारंभ किया गया. इसके कारण इस खंड से जुड़े लोगों को रेल सेवा के माध्यम से सीधे देश-दुनिया से जुड़ना दिवा स्वपन बना हुआ है. इतना ही नहीं इस खंड पर रेल प्रशासन ने लोकल ट्रेनों की संख्या में भी कटौती कर दी है. इसके कारण नियमित समय पर लोगों को ट्रेन सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. पूर्व में इस खंड पर तीन जोड़ी ट्रेनों का आवागमन हुआ करता था. इसमें एक गाड़ी का परिचालन हरनगर से समस्तीपुर व समस्तीपुर से हरनगर तक होता था. वर्तमान में मात्र एक जोड़ी ट्रेन दरभंगा से हरनगर व हरनगर से दरभंगा जाती है. इसके कारण इस खंड पर बने रेलवे स्टेशन वीरान पड़े हैं. विभिन्न स्टेशनों पर विभाग द्वारा बनाये गये स्टेशन भवन, कर्मी आवास सब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. इसका जीता-जागता नमूना बेनीपुर बलहा रेलवे स्टेशन है. विदित हो कि इस खंड पर रेलों के परिचालन के समय ही स्टेशन का समुचित विकास हुआ. कर्मियों के आवास के साथ-साथ विशाल भवन का निर्माण हुआ था, लेकिन इस मार्ग से लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ नहीं किए जाने के कारण लोगों का आना-जाना कम हो गया. विभाग द्वारा कर्मियों के लिए आवास तो बना दिया गया, लेकिन कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गयी. इन भवनों को अब स्थानीय लोग अपने कब्जे में कर मवेशी बांधने व भूसा रखने में उपयोग कर रहे हैं. स्टेशन भवन क्षतिग्रस्त होता जा रहा है. विकास के नाम पर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण तो महीनों पूर्व कर दिया गया, लेकिन आज भी इस मार्ग पर डीजल चालित इंजन के सहारे ही ट्रेन दौड़ रही है. इसे लेकर स्थानीय लोगों में रेल प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी दिख रही है. स्थानीय प्रो. सुरेश प्रसाद सिंह बताते हैं कि इस रेल खंड के निर्माण की स्वीकृत मिलते ही लोगों में रेल मार्ग के माध्यम से सीधे महानगरी से जुड़ने की आस जगी, लेकिन रेल प्रशासन की गलत नीति के कारण आज यह खंड डेढ़ दशक से उपेक्षित पड़ा हुआ है. इसके प्रति रेल प्रशासन के साथ-साथ यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि उदासीनता बरत रहे हैं. जदयू नेता हरेकांत ठाकुर, प्रयाग साहु, मुनीन्द्र यादव, मनोज कुमार झा आदि ने बताया कि यह रेल खंड परिचालन के समय से ही विवादों में रहा है. इसके कारण इसका समुचित विकास नहीं हो सका. परिचालन के समय से ही नवादा व बैगनी में हॉल्ट निर्माण की मांग को लेकर लोगों के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है. धरना-प्रदर्शन, आंदोलन के कारण साल भर ट्रेनों का परिचालन ठप रहा.
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