Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय को शोध विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने का रास्ता साफ
Darbhanga News:ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के चौमुखी विकास काे पंख लगने वाला है.
Darbhanga News: दरभंगा. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के चौमुखी विकास काे पंख लगने वाला है. केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत लनामिवि को शोध विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. दिल्ली में परियोजना अनुमोदन बोर्ड की बैठक में इस पर सहमति बन गई है. मिथिला विश्वविद्यालय को इसका स्वीकृति का पत्र भारत सरकार से शीघ्र प्राप्त होने की उम्मीद है. शोध विवि का दर्जा मिलने पर विश्वविद्यालय को 100 करोड़ की राशि मिलेगी.
नैक से बी प्लस प्लस ग्रेड बना प्रमुख आधार
मिथिला विश्वविद्यालय में आधुनिकीकरण के साथ-साथ एकेडमिक व शोधकार्यों को अबतक अपने संसाधनों से प्रमुखता दी जा रही है. अब केंद्रीय सहयोग मिलने से संबंधित कार्य और तेज होगा. अनुसंधान कार्य, विश्वविद्यालय का समृद्ध इतिहास तथा केंद्र सरकार एवं अन्य एजेंसियों से मिली राशि के समुचित उपयोग के मानकों पर खड़ा उतरने के कारण विवि का चयन पीएम उषा योजना के तहत किया गया है. साथ ही नैक मूल्यांकन में विवि को बिहार स्तर पर बी प्लसप्लस ग्रेड के साथ सबसे ज्यादा 2.78 सीजीपीए अंक प्राप्त होना योजना में शामिल किये जाने का प्रमुख कारण माना जा रहा है.तत्कालीन कुलपति प्रो. एसपी सिंह की दूरदर्शी सोच लेकर आया सकारात्मक परिणाम
विवि को राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने को लेकर पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की दूरदर्शी सोच का यह नतीजा बताया जा रहा है. उन्होंने अपने कार्यकाल में जो विकासात्मक कार्य किये, उसका लाभ विवि को नैक मूल्यांकन में तो मिला ही, अब शोध विवि का दर्जा प्राप्त करने में भी सहायक बना है. तत्कालीन कुलसचिव डॉ मुश्ताक अहमद के श्रम का भी इसमें बड़ा हाथ रहा. उस समय विवि में एडवांस रिसर्च लैब एवं ब्रेल लैब का निर्माण किया गया. यह बिहार का पहला लैब था. केंद्रीय पुस्तकालय को अपग्रेड कर कंप्यूटरीकृत किया गया. केंद्रीय पुस्तकालय में शोधार्थियों एवं पीजी छात्रों को पढ़ने के लिए वाइफाइ एवं एसी की सुविधा विकसित की गयी. 100 डेस्कटाप एवं ई-कंटेंट उपलब्ध कराया गया. इंफ्लिबनेट सेंटर से एमओयू किया गया. इंफ्लिबनेट सेंटर से एमओयू से विवि शोधगंगा, शोधगंगोत्री, शोधशुद्धी, शोधचक्र, ई-शोधसिंधु, आइएनएमएस, आइआरआइएनएस की सुविधा उपलब्ध करायी गयी.विश्वविद्यालय को मिलेगा यह लाभ
पीएम उषा योजना के तहत मिलने वाली 100 करोड़ की राशि से विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचा का और विकास होगा. अनुसंधान सुविधा, आधुनिक लैब, उपकरण, स्मार्ट क्लास, छात्रावास का निर्माण, शिक्षाकर्मियों का आवासीय भवन निर्माण, स्पोर्ट्स डायरेक्टोरेट समेत अन्य शैक्षणिक गतिविधियों-कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है