Darbhanga News: लनामिवि ने शुरू की पीएचडी एडमिशन टेस्ट आयोजन की तैयारी

Darbhanga News:लनामिवि ने पीएचडी एडमिशन टेस्ट आयोजन की तैयारी शुरु कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2024 10:50 PM

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि ने पीएचडी एडमिशन टेस्ट आयोजन की तैयारी शुरु कर दी है. विवि ने सभी पीजी विभागाध्यक्षों से शोध पर्यवेक्षक के अधीन विषयवार रिक्त सीटों की संख्या एवं नये अर्हताधारी शोध पर्यवेक्षकों के आवेदनों की मांग की है. 13 दिसंबर तक शोध पर्यवेक्षक के अनुमोदन के लिए पत्र मांगा गया है. जारी पत्र में कहा गया है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पीएटी) जनवरी में संभावित है. इसके लिए शोध पर्यवेक्षकों को अनुमोदित किया जाना है. विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि पर्यवेक्षक के लिए शिक्षकों की पात्रता की जांच कर उनके अधीन रिक्ति को उप परीक्षा नियंत्रक (शोध) कार्यालय में 13 दिसंबर तक उपलब्ध करा दें.

पूर्णकालिक नियमित शिक्षक के साथ पीएचडी डिग्रीधारी जरूरी

शोध पर्यवेक्षक के लिये विवि ने राजभवन के रेगुलेशन का हवाला दिया है. कहा है कि पर्यवेक्षक को विश्वविद्यालय या कालेज का पूर्णकालिक नियमित शिक्षक तथा पीएचडी डिग्रीधारी होना अनिवार्य है. हालांकि, पीजीआरसी की मंजूरी से विश्वविद्यालय-विभाग या अन्य संबंधित संस्थानों-विश्वविद्यालय से अंतःविषय क्षेत्रों में पर्यवेक्षक की अनुमति दी जा सकती है. एक प्रोफेसर के अधीन अधिक से अधिक आठ, एसोसिएट प्रोफेसर के अधीन छह और सहायक प्रोफेसर के अधीन चार शोधार्थी पंजीकृत होंगे. प्रत्येक संभावित पर्यवेक्षक के पास उपलब्ध पीएचडी के लिये रिक्त सीटों की संख्या डीन के माध्यम से कुलसचिव को भेजी जानी है. संभावित पर्यवेक्षक के लिए पीएचडी छात्रों की संख्या का मार्गदर्शन करना अनिवार्य होगा.

रेफर्ड जर्नल या यूजीसी से चिह्लित जर्नल में शोध आलेख का प्रकाशन आवश्यक

नियमित प्रोफेसर के पास रेफर्ड जर्नल या यूजीसी द्वारा चिन्हित जर्नल में कम से कम पांच शोध प्रविष्टियां, नियमित एसोसिएट-असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पीएचडी की डिग्री और रेफर्ड जर्नल या यूजीसी द्वारा चिन्हित जर्नल में कम से कम दो शोध प्रविष्टियां होनी चाहिए. ऐसे जिन क्षेत्रों-विषयों में रेफड जर्नल नहीं हैं या उनकी संख्या सीमित है, विश्वविद्यालय का पीजीआरसी लिखित रूप में कारणों को दर्ज कर किसी व्यक्ति को शोध पर्यवेक्षक के रूप में मान्यता देने के लिए उपरोक्त शर्त में छूट दे सकता है. विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक, पहले से पंजीकृत छात्रों की पीएचडी तक पर्यवेक्षक बने रह सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद किसी नए छात्र उनके अंदर पीएचडी नहीं करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version