कुशेश्वरस्थान. प्रचंड गर्मी से प्रखंड की आधा दर्जन से अधिक पंचायतों में भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसक जाने से लोगों को जलसंकट से जूझना पड़ रहा है. वहीं, सात निश्चय योजना से वार्डों में लगे नल-जल बेकार साबित हो रहे हैं. 16 वार्ड वाली हिरणी पंचायत के आधा से अधिक वार्डों में नल-जल बंद पड़े हैं. इसमें वार्ड एक, दो, तीन, चार, पांच, सात, 10 व 11 में लंबे समय से बंद नल-जल अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है. वाटर लेबल नीचे चले जाने से इन वार्ड के लोगों को पानी की किल्लत हो गयी है. सरकार की ओर से नल-जल को पीएचइडी को हस्तगत कराने के बाद से खराब पड़े नल-जल की मरम्मत तो दूर, इसकी सूधि लेने भी विभाग के अधिकारी या कर्मी नहीं आते हैं. इस पंचायत के आधा दर्जन से अधिक वार्ड के लोगों को पेयजल की हो रही परेशानी को लेकर पंचायत समिति प्रतिनिधि मधूकांत झा मिंटू ने मंगलवार को डीएम से मोबाइल पर बात की. उन्होंने डीएम से भीषण गर्मी के समय इन वार्डों में बंद पड़े नल-जल से लोगों को हो रही परेशानी से अवगत कराकर इसे अविलंब चालू कराने की अपील की. डीएम ने बंद पड़े नल-जल की जानकारी व्हाट्सएप से भेजने की बात मिंटू से कही. इस संबंध में स्थानीय मुखिया श्रवण कामति ने बताया कि जबतक नल-जल योजना पंचायत व वार्ड के अधीन था, तब तक चालू था. खराब होने पर मरम्मत करा तत्क्षण चालू कराया जाता था. जबसे इस योजना को सरकार ने पीएचइडी के हवाले कर दिया है, तभी से बुरा हाल है. पीएचइडी के अधिकारी की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. इसीका नतीजा है कि पंचायत के अधिकांश नल-जल खराब पड़े हैं. यह हाल किसी एक पंचायत का नहीं, बल्कि कमोबेश प्रखंड के सभी पंचायतों का है.
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