करोड़ों की लागत से नल-जल योजना चालू हुए बीत गये कई वर्ष, लोगों को नहीं मिल सका शुद्ध पानी

जरिसों पंचायत में नल-जल योजना पर भले ही करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिया गया,

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 11:26 PM

बेनीपुर. मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर जरिसों पंचायत में नल-जल योजना पर भले ही करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिया गया, लेकिन आज भी इस पंचायत के लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. आला अधिकारियों की उदासीनता के कारण सभी नल-जल वार्डों में शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. विदित हो कि आधा दर्जन गांव मिलाकर बने जरिसों पंचायत में 13 वार्ड हैं. इसमें जरिसों, महदई, कल्याणपुर, फोतलाहा, लवानी व त्रिमुहानी गांव को शामिल किया गया है. इन सभी वार्डों में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत करोड़ों की लागत से नल-जल योजना चालू हुए कई वर्ष बीत चुके, लेकिन आजतक गांव के लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं हुआ. लोग निजी चापाकल के सहारे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. जरिसों गांव में अधिकांश नल-जल का पाइप कटा हुआ है. पानी पोस्ट क्षतिग्रस्त हो चुका है. वहीं महदई गांव के नीचे भाग में नल-जल का टावर लगा दिए जाने के कारण पानी की आपूर्ति ठप है. यही हाल कमोबेश कल्याणपुर, फोतलाहा, लवानी, त्रिमुहानी में भी है. यहां एक फूल-दो माली जैसी विवाद में फंसकर बंद पड़ा हुआ है. अधिकांश नल संचालनकर्ता को लेकर विवाद चल रहा है. एक ही नल पर दो-दो व्यक्ति संचालन करने का दावा ठोक रहे हैं और इन दोनों के बीच के विवाद के कारण इस पंचायत के अधिकांश नल-जल से जलापूर्ति बंद है. इसे सुलझाने की दिशा में विभागीय अधिकारी कोई अभिरुचि नहीं ले रहे हैं. परिणामस्वरुप दिनानुदिन बचे पाइप लाइन भी बर्बाद होता जा रहा है. इस संबंध में पूछने पर मुखिया कुसुम देवी ने कहा कि पंचायत के सभी नल-जल बंद पड़े हैं. एक-दो नल जल को छोड़ कर सभी में संचालन की दावेदारी का पेंच फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार का निर्देश था कि वार्ड सदस्य द्वारा ही इसका संचालन किया जाएगा. इसे बाद में बदल दिया गया. वहीं से यह विवाद चला आ रहा है, जो आज भी जारी है. इसीका परिणाम आमजन को भोगना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि गत छह माह पूर्व ही पंचायत के सभी नल-जल को पीएचइडी ने अपने अधीन कर लिया, लेकिन आज तक इसकी मरम्मति की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है. इसे लेकर कई बार पीएचइडी के जेइ योगेंद्र साफी से संपर्क कर नल-जल चालू कराने का अनुरोध किया गया, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है.

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