अजय कुमार मिश्रा, दरभंगा. पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति संजीदा नहीं है. दिन- रात परिजनों की तीमारदारी के पीछे वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखती. चिकित्सकों के अनुसार इस कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. चिकित्सकों का मानना है कि महिलाओं में खून की कमी की समस्या अधिक होती है. साथ ही पुरुषों की अपेक्षा दिल की बीमारी से वे अधिक पीड़ित होती है. सेक्स संबंधी समस्या लेकर अपेक्षाकृत अधिक महिला अस्पताल का चक्कर काटती है. डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में पुरुषों की अपेक्षा महिला मरीज की अधिक संख्या इसको पुष्ट करता है. गायनिक विभाग में भी लगभग 150 महिला मरीज इलाज के लिये प्रतिदिन पहुंचती है. डीएमसीएच के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कार्यरत कर्मियों ने बताया कि वर्षों से महिला मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रहती है. मेडिसिन विभाग में धात, उलटी व शरीर में दर्द की शिकायत लेकर महिलाएं अधिक पहुंचती है. इसके अलावा अन्य रोग के उपचार को लेकर भी चिकित्सकीय परामर्श लेती है. विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले माह कुल 16552 मरीज इलाज के लिए मेडिसिन विभाग पहुंचे. इसमें महिला मरीजों की संख्या 9745 रही. पुरुष मरीजों की संख्या 6807 रहा. पूरे माह में छह मई को सबसे अधिक 503 महिला मेडिसिन विभाग पहुंची. इस दौरान केवल 13 मई को पुरुष मरीजों की संख्या महिलाओं से एक अधिक रही. उस दिन 70 पुरुष इलाज के लिए पहुंचे. महिलाओं की संख्या एक कम 69 रही. बाकी दिन महिला मरीजों की संख्या पुरुषों से काफी अधिक रही. पूर्व विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ बीके सिंह ने बताया कि महिला मरीजों में पुरुष के अपेक्षा एनिमिया, हृदय रोग व सेक्स संबंधी समस्या अधिक रहती है. पहले की अपेक्षा महिलाएं जागरूक हुई है. अब वह घर से बाहर निकलती है. अपने रोग को लेकर खुलकर चिकित्सक से मिलती है. पहले घर पर ही रहकर इलाज की कोशिश करती थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है. खासकर गरीब महिलाएं सरकारी अस्पताल का अधिक रुख करती है. पहले की अपेक्षा डीएमसीएच के चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हुआ है.
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