दीदी अधिकार केंद्र पर लैंगिक भेदभाव की शिकार महिलाओं को मिलेगी सहायता
दरभंगा और सुपौल जिलों के दीदी अधिकार केंद्र के समन्वयक और नोडल कर्मियों का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ.
दरभंगा. जीविका की ओर से बेला मोड स्थित होटल श्यामा रेंजेंसी में दरभंगा और सुपौल जिलों के दीदी अधिकार केंद्र के समन्वयक और नोडल कर्मियों का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ. प्रशिक्षण में जिले के मनीगाछी, तारडीह, सदर, हायाघाट, बहेड़ी, बेनीपुर और बिरौल तथा सुपौल जिले के छातापुर, बसंतपुर, प्रतापगंज और त्रिवेणीगंज प्रखंड के दीदी अधिकार केंद्र समन्वयक आदि ने भाग लिया. सामाजिक विकास प्रबंधक नरेश कुमार ने बताया कि दीदी अधिकार केंद्र जीविका का नवाचार है. इसके माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लैंगिक भेदभाव की शिकार महिलाओं की सहायता की जायेगी. इस केंद्र में पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर समस्या का समाधान मिल सकेगा. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लिंग आधारित हिंसा रोकना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और पीड़ित महिलाओं को दीदी अधिकार केंद्र के माध्यम से उचित परामर्श देकर अधिकार दिलाना है. इसके अलावा, विभिन्न सहायक सेवा प्रदान करने वाली संस्था जैसे महिला थाना, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सखी वन स्टॉप सेंटर आदि के साथ समन्वय स्थापित कर पीड़ित महिलाओं को यथोचित लाभ दिलाना है. संचार प्रबंधक बलराम कृष्ण ने कहा कि यह अधिकार केंद्र एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आसानी से अपनी समस्या बता सकेंगी और उनसे निजात पा सकेगी. प्रशिक्षक विशेषज्ञ श्रीकांत, शेखर और प्राक्षी प्रिया ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा और बाल विवाह को रोकने तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए यह प्रशिक्षण आवश्यक है. ग्रामीण महिलाओं की आवाज को बुलंद करना है, लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें उनके अधिकारों तक पहुंच दिलाना है. प्राक्षी प्रिया ने कहा कि बच्चों और बच्चियों में अंतर नहीं करें. प्रशिक्षण में संचार प्रबंधक राजा सागर, बलराम कृष्ण आदि शामिल थे.
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