बरसात में सहूलियत के लिए बेनीपुर-मनीगाछी मुख्य सड़क को तत्काल किया जायेगा मोटरेबुल
पिछले एक दशक से गड्ढे में तब्दील बेनीपुर-मनीगाछी मुख्य सड़क को मोटरेबुल किया जायेगा
बेनीपुर. पिछले एक दशक से गड्ढे में तब्दील बेनीपुर-मनीगाछी मुख्य सड़क को मोटरेबुल किया जायेगा. यह जानकारी ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रेमचंद ने दी. बताया कि दो अनुमंडल को जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क फेज-थ्री के तहत 23 करोड़ 35 लाख 85 हजार रुपये की लागत से हाेना है. कार्य आदेश मिल चुका है. इसका निर्माण कार्य बरसात के बाद प्रारंभ कर दिया जाएगा. फिलहाल बरसात में सड़क को चलने लायक बनाने के लिए संवेदक को उसे मोटरेबुल बनाने का आदेश दे दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में 18.64 किमी इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत किया गया था. निर्माण के बाद से सड़क की मरम्मति नहीं होने के कारण सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुका है. इसके कारण इस सड़क में पैदल चलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है. पथ की जर्जरता कारण सदर अनुमंडल के मनीगाछी के लोगों को लंबी दूरी तय कर बेनीपुर आना पड़ रहा है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समक्ष सड़क निर्माण की मांग उठाते रहे. साथ ही सत्तारुढ़ दल के नेता सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने लगातार धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन तक किया. उसके बाद सांसद गोपालजी ठाकुर के प्रयास से इसके निर्माण की स्वीकृति प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क फेज-थ्री के तहत दी गयी. विभागीय सूत्रों के अनुसार इस सड़क के निर्माण के लिए पीएमजीएसवाइ के तहत मार्च 2023 में 23 करोड़ 35 लाख 85 हजार की निविदा भी प्रकाशित कर दी गयी, बावजूद सड़क निर्माण साल भर तक विभागीय प्रक्रिया में अटका रहा. इस कारण सड़क गड्ढ़े में तब्दील हो गयी. परिणाम स्वरूप हल्की बारिश में ही सड़क झील में तब्दील हो जाती है. इस मार्ग से आवागमन अवरुद्ध हो गया है. मनीगाछी के लोगों को लंबी दूरी तय कर भाया महथौड़ बेनीपुर जाना पड़ रहा है. इधर, कार्यपालक अभियंता ने बताया कि बरसात भर के लिए सड़क को मोटरेबुल कर दिए जाने से लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. बरसात के बाद सड़क निर्माण प्रारंभ कर दिया जायेगा. झमाझम बारिश से धान की रोपनी में तेजी अब तक हो सकी लक्ष्य की महज 20 प्रतिशत ही रोपनी फोटो संख्या-14 परिचय- धान की रोपनी कर रही महिला मजदूर. अलीनगर. इलाके में गुरुवार की रात से कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. शुक्रवार की सुबह से धान की रोपनी में तेजी आ गयी है. शुक्रवार की अहले सुबह से ही आकाश में बादल छाये रहे. लगभग 10 बजे के बाद करीब दो घंटे बारिश हुई. इससे पहले भी रात में अच्छी बारिश हुई थी. दिन के तीन बजे धूप भी निकल गया. भले ही इस बारिश से धान की रोपनी का सिलसिला जारी है, लेकिन अभी भी किसान लक्ष्य से काफी दूर हैं. प्रभारी बीएओ सूरज कुमार राम के अनुसार 6440 हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य है, जबकि अभीतक वर्षा के अभाव के कारण 1288 हेक्टेयर सिंचाई योग्य भूमि में ही रोपनी हो सकी है. यह लक्ष्य का मात्र 20 प्रतिशत है. किसान रोपनी का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं, लेकिन मौसम का पूरा साथ नहीं मिल पा रहा है. परदेस पलायन के कारण मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. किसान जैसे-तैसे महिला मजदूरों से काम निकाल रहे हैं. मजदूरी में दो से ढाई सौ रुपए प्रति कट्ठा किसानों को चुकाना पड़ता है. इधर कई निचले खेतों में पहले की बारिश में रोपनी हुई थी, वहां इस बारिश में अधिक पानी जमा हो जाने से पौधे के गलने की चिंता भी किसानों को सता रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है