मंच पर जीवंत हुई पति-पत्नी के आपसी विवाद के बीच पिसते राजू की कहानी
अभिनय कला के प्रति नई पीढ़ी को प्रेरित करने में सनद्ध रिबेन थियेटर का स्थापना दिवस रविवार को उत्साह के वातावरण में मनाया गया.
दरभंगा. अभिनय कला के प्रति नई पीढ़ी को प्रेरित करने में सनद्ध रिबेन थियेटर का स्थापना दिवस रविवार को उत्साह के वातावरण में मनाया गया. लनामिवि के स्नातकोत्तर संगीत विभाग के प्रेक्षागृह में इस अवसर पर मैथिली नाटक टूटल तागक एकटा ओर की प्रभावित प्रस्तुति हुई. महेंद्र मलंगिया रचित इस नाटक का निर्देशन डॉ सत्येंद्र कुमार झा ने किया. कलाकारों ने अपनी दमदार प्रस्तुति से न केवल किरदार का छाप छोड़ा, बल्कि कथानक को भी जीवंत कर दिया. वहीं विद्यापति संगीत के माध्यम से मिथिला के परिचय को पुनर्स्थापित किया. प्रस्तुत नाटक दांपत्य जीवन में आने वाले विक्षोभ की कहानी है. परिस्थिति सें पराजित एक स्त्री नेपथ्य का मार्ग पकड़ लेती है. जब वह पुन: दांपत्य जीवन को पहले जैसा बनाने चाहती है तो पति लांछन लगाने लगता है. इन दोनों के बीच मासूम राजू परिस्थिति की मार के साथ चलने को मजबूर रहता है. मंच पर मोहन मुरारी, वंदना झा और कात्यायिनी झा ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंतता प्रदान की. इस अवसर पर समारोह की शुरूआत विभागाध्यक्ष लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने दीप प्रज्वलित कर की. गोसाउनिक गीत से आरंभ हुए कार्यक्रम में नीलाम्बर ठाकुर, सुप्रिया कुमारी, तुलसी चौधरी, हर्षवर्द्धन झा, ऋषभ भारद्वाज, सुमन कुमार सिंह, चांदनी झा, मीनू ठाकुर, सुमन कुमार, आस्था झा, शिवम पोद्दार व गौरव झा ने विद्यापति संगीत की मनोहारी प्रस्तुति दी. संगत कलाकारों में शहनाई वादक बालेश्वर राम के अलावा नीलाम्बर ठाकुर, पंकज राम, आदित्य कर्ण, शिवम शेखर, गौरव व परमवीर प्रताप सिंह शामिल थे. संचालन अखिलेश कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन सुमितश्री ने किया.
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