Darbhanga News: मकर संक्रांति को विभिन्न वेरायटी के तिलकुट व लाई से सज गये बाजार

Darbhanga News:मकर संक्रांति पर चूड़ा, तिलकुट, गुड़ के साथ मुरही व चूड़ा की लाई की डिमांड बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2025 5:52 AM

Darbhanga News: दरभंगा. मकर संक्रांति पर चूड़ा, तिलकुट, गुड़ के साथ मुरही व चूड़ा की लाई की डिमांड बढ़ गयी है. लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए कारोबारियों ने तैयारी पूरी कर रखी है. जगह-जगह दर्जनों अस्थायी दुकानें सज गयी हैं. तिल व गुड़ की सोंधी खुशबू से वातावरण महक रहा है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के बाजारों में तरह-तरह के तिलकुट, लाई की खुशबू छा हुई है. चौक-चौराहा से लेकर गली-मोहल्ले तक में गुड़ व चीनी से बने तिलकुट की दुकानें सजी हुई हैं. लहेरियासराय टावर, दरभंगा टावर, चट्टी चौक, कादिराबाद, आजमनगर, शिवधारा चौक, कटहलबाड़ी, दोनार, लक्ष्मीसागर, दरभंगा जंक्शन समेत अन्य जगहों पर चंपारण, मगध, अवध, गया, भागलपुर सहित कई अन्य जगह से आए कारीगर विभिन्न वेरायटी के तिलकुट बना रहे हैं. वैसे ठंड बढ़ने के साथ ही इसकी डिमांड भी तेजी है. पिछले 24 घंटे में तिलकुट के बाजार में काफी रौनक आ गई है.

शुगर फ्री तिलकुट की अच्छी डिमांड

लहेरियासराय टावर स्थित रामबाग के व्यवसायी रोहित कुमार कहते हैं कि बाजार में अभी चार तरह के तिलकुट उपलब्ध हैं. शहर में लाल व सफेद गुड़ से बने तिलकुट ज्यादा हैं. वहीं चीनी वाले तिलकुट के अलावा शुगर फ्री तिलकुट की भी अच्छी डिमांड है. कहा कि एक विशेष तरह का तिलकुट बन रहा है, जिसमें चीनी बिल्कुल नहीं है. इसे सिर्फ शुगर के मरीजों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसके साथ ही ब्रांडेड कंपनियों के तिलकुट भी विभिन्न तरह की पैक में उपलब्ध हैं. गया से आए तिलकुट विक्रेता शंकर दास ने कहा कि जिले में 40 वर्षों से तिलकुट बनाने और बेचने आते हैं. खुद तिलकुट बनाकर करीब एक महीना तक शहर की गलियों में घूम-घूम कर बेचते हैं. इससे उनकी रोजी-रोटी चलती है. भागलपुर के कारोबारी जितेंद्र महतो ने कहा कि इस कारोबार से जुड़े कारोबारी मकर संक्रांति की तिथि से करीब एक महीना पहले से ही आ गए हैं. मकर संक्रांति पर होने वाली बिक्री को लेकर सामग्री की तैयारी कर ली है. मकर संक्रांति से एक सप्ताह पूर्व से ही कारोबार में तेजी चल रही है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मकर संक्रांति पर चूड़ा व गुड़ का कारोबार बेहतर दिख रहा है. चंपारण से आए कारोबारी आलोक सिंह ने कहा कि गांव स्तर पर धान की कुटाई होने से शहर में चूड़ा के कारोबार पर असर पड़ रहा है. कारोबारी बालकृष्ण भारद्वाज ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चूड़ा व गुड़ के दाम में पांच से आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है. खुदरा बाजार में इस बार बासमती चूड़ा 80 से 110 रुपये किलो, उसना चूड़ा 40 से 48 रुपये प्रति किलो, गुड़ 50 से 55 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं.

बाजार में उपलब्ध तिलकुट की कीमत

तिलकुट —- कीमत प्रति किलोगुड़ का तिलकुट — 250 से 750चीनी का तिलकुट — 250 से 800चूड़ा का लाई —– 100 से 120मुरही का लाई —- 100 से 120तिल का तिलकुट —- 250 से 300ब्रांडेड तिलकुट —– 350 से 550

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