Darbhanga News: दरभंगा. जिले में दो हजार से अधिक सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में रीडिंग एवं मैथमेटिकल स्किल विकसित करने के लिए अभियान चलेगा. इस अभियान में प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत करीब छह लाख बच्चों को शामिल किया जाएगा. सभी विद्यालयों में प्रतिदिन पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के लिए पहली घंटी में बेसिक मैथ एवं मैथ के प्रश्नों को त्वरित गति से हल करना सिखाया जाएगा. वहीं दूसरी घंटी में प्रतिदिन एक घंटा का रीडिंग क्लास चलेगा. इसमें प्रत्येक बच्चे को पाठ्य पुस्तक पढ़ना सिखाया जाएगा. प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से इसें सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रतिदिन विद्यालयों का निरीक्षण करा इसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा है. निदेशक ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए वर्ग शिक्षक जिम्मेदार होंगे. प्रत्येक छात्र से कक्षा में क्रमानुसार पाठ पढ़वाएंगे एवं गणित के बेसिक प्रश्नों को हल करवायेंगे. छात्रों के रीडिंग स्किल एवं मैथमेटिकल स्किल की प्रगति का साप्ताहिक मूल्यांकन प्रत्येक सोमवार को संबंधित वर्ग शिक्षक द्वारा किया जाएगा. वर्ग शिक्षक छात्रों को रविवार के लिए होमवर्क देंगे, ताकि वे सोमवार के टेस्ट के लिए तैयारी कर सके. प्रत्येक सोमवार को प्रथम घंटा रीडिंग टेस्ट दिया जाएगा, वहीं दूसरा घंटा मैथमेटिकल टेस्ट के लिए निर्धारित किया गया है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि एससीइआरटी के परामर्श से टेस्ट पेपर तैयार किया जाएगा, किंतु प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने टेस्ट पेपर उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा नहीं करने को कहा है. वर्ग शिक्षक को अपने स्तर से टेस्ट पेपर तैयार करने का निर्देश दिया है.
पाठ्य पुस्तक को धारा प्रवाह पढ़ने व बेसिक मैथ की आवश्यकता
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि एक हजार विद्यालयों के तीसरी, पांचवीं एवं आठवीं कक्षा के 25 हजार छात्रों का एसेसमेंट किया गया. इस क्रम में पाया गया कि पाठ्य पुस्तक को धारा प्रवाह पढ़ने एवं जोड़, घटाव, गुणा एवं भाग के प्रश्नों को सही-सही हल करने में और अभ्यास की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि अकादमिक सत्र 2024-25 की शेष अवधि में पहली से आठवीं तक के छात्रों में रीडिंग स्किल एवं मैथमेटिकल स्किल को विकसित किया जाना आवश्यक है, ताकि छात्रों का आधार मजबूत हो सके तथा वे अगली कक्षा के लिए तैयार हो सकें. उन्होंने इसके लिए लगभग 100 दिनों की शेष अवधि में उपरोक्त कार्रवाई को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. बता दें कि पिछले वर्ष रीडिंग स्किल विकसित करने के लिए प्रत्येक दिन अंतिम घंटी निर्धारित की गयी थी. इसे बाद में बंद कर दिया गया.सर्वेक्षणों में पायी गयी कमी
कई सर्वेक्षणों यथा असर आदि में पाया गया कि सरकारी स्कूल के बच्चों में धारा प्रवाह पढ़ने एवं गणित तथा विज्ञान विषय के प्रश्नों को हल करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इन सर्वेक्षणों में पांचवीं के छात्रों को अपनी पाठ्य पुस्तक को ठीक से पढ़ नहीं पाने के मामले भी सामने आए. वहीं गणित के आसान प्रश्नों का भी नहीं हल कर पाने का मामला सामने आया था. इसी तरह की समस्या अंग्रेजी एवं विज्ञान विषय में आठवीं के छात्रों में भी देखा गया. इसे लेकर यह अभियान चलाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है