Mithila Rohu: दरभंगा. मत्स्य निदेशालय के उप मत्स्य निदेशक मुख्यालय मो. राशिद फारुकी ने कहा है कि मिथिला मखाना के बाद अब जल्द ही मिथिला की रेहू मछली को जीआइ टैग मिलेगा. उन्होंने बताया कि मिथिला की रेहु को जीआइ टैग के लिए विभिन्न तालाबों का सैंपल लिया जा रहा है. मिथिला की रेहू को जीआइ टैग मिलने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. जल्द ही जीआइ टैग मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मिथिला की रेहू को जीआई टैग मिलने के बाद इसके उत्पादन और कारोबार में किसानों को काफी नये अवसर मिलेंगे.
योजनाओं का किया निरीक्षण
शनिवार को बहादुरपुर अनुमंडल में मत्स्य विभाग द्वारा केंद्र व राज्य की योजनाओं का निरीक्षण करने आये फारुकी ने कहा कि योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारने के साथ इसकी निगरानी भी की जाये. इस दौरान जिला मत्स्य कार्यालय का मुआयना करते हुए निदेशक ने केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की. साथ ही विभागीय निर्देश दिया. इसके अलावा मुख्यालय के निदेशक ने जिले के तीन प्रखंडों में मुख्यमंत्री समेकित कर विकास योजना व मत्स्यकी विशेष सहायता योजना के द्वारा संचालित योजनाओं का स्थल निरीक्षण किया.
किसानों को आत्मनिर्भर बनने की सलाह
इस मौके पर उन्होंने किसानों को मछली पालन व हैचरी लगाकर आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी. उपनिदेशक मो. फारूकी ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन करने वाले इच्छुक लोगों के लिए कई योजना चल रही है. मत्स्य पालन करने वाले किसानों को सरकार अनुदान दे रही है, ताकि वे अपनी आय दोगुनी कर सके. बेनीपुर के बैगनी नवादा निवासी किसान राजन कुमार झा ने मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत तालाब निर्माण किया. मनीगाछी प्रखंड के नेहरा निवासी योगी सहनी की हैचरी का भी निरीक्षण निदेशक द्वारा किया गया. इस दौरान उन्होंने किसानों से तालाब निर्माण में हो रही कठिनाइयों की जानकारी ली.
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एक सौ एकड़ में विशेष तालाब
बहादुरपुर प्रखंड के टीकापट्टी-देकुली पंचायत के बासुदेवपुर गांव निवासी चार्टर्ड एकाउंटेंट आशुतोष प्रियवर्धन के मत्स्यिकी विशेष सहायता योजना के तहत एक एकड़ में तालाब का जायजा लिया. इस दौरान किसान आशुतोष प्रियवर्धन ने कहा कि वे एक सौ एकड़ में विशेष तालाब का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल एक एकड़ में तालाब का निर्माण किया है. इसमें मछली पालन कर आमलोगों को ताजी मछली पहुंचाने का काम करेगा. मत्स्य विभाग द्वारा इस योजना में सरकार द्वारा तालाब निर्माण व बोरिंग के लिए अनुदान प्राप्त हो गया है. शेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है.