Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय का परीक्षा भवन बना गोदाम, शहर से बाहर बनाया गया पीजी थर्ड सेमेस्टर का परीक्षा केंद्र

Darbhanga News:लनामिवि मुख्यालय में लगभग तीन हजार छात्रों की एक साथ परीक्षा लेने की क्षमता वाला परीक्षा भवन का उपयोग गोदाम के रूप में किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2025 10:51 PM

Darbhanga News: प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. लनामिवि मुख्यालय में लगभग तीन हजार छात्रों की एक साथ परीक्षा लेने की क्षमता वाला परीक्षा भवन का उपयोग गोदाम के रूप में किया जा रहा है. करीब चार करोड़ रुपये की लागत से बने परीक्षा भवन का उद्घाटन 23 मार्च 2018 को हुआ. तब कहा गया था कि भवन का उपयोग परीक्षा के लिए होगा. इससे परीक्षार्थियों पर केंद्रीय कृत निगरानी हो सकेगी. विभागों एवं कॉलेजों में वर्ग संचालन अप्रभावित रहेगा. लेकिन, ऐसा नहीं हो सका. भवन में मूलभूत सुविधा तक विकसित नहीं की जा सकी. भवन काफी समय तक खाली पड़ा रहा. बाद में परीक्षा विभाग इसका उपयोग गोदाम के रूप में करने लगा. वर्तमान में भवन के ग्राउंड फ्लोर सहित दोनों तलों पर मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का अंबार लगा है. बची जगह का उपयोग विवि में डाटा सेंटर चलाने वाली एजेंसी के कर्मचारी आवासन के रूप में करते हैं.

मंगलवार से पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई है. जिला मुख्यालय में उपयुक्त जगह नहीं मिलने पर शहर से बाहर ओरियेंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन को परीक्षा केंद्र बनाया गया है. जिले में 3800 छात्रों की परीक्षा है. कार्यक्रम छह ग्रुप में विषयों को बांट कर तैयार किया गया है. प्रतिदिन दो ग्रुप के लगभग 1250 छात्र-छात्राओं की परीक्षा होनी है. चर्चा है कि अगर विवि का परीक्षा भवन संसाधन युक्त होकर संचालित होता, तो वहां पीजी थर्ड समेस्टर की परीक्षा ली जा सकती थी.

योजना बनाकर भूल गया विश्वविद्यालय

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार से प्राप्त करीब चार करोड़ रुपये से परीक्षा भवन का निर्माण बिहार राज्य आधारभूत संरचना निगम के माध्यम से कराया गया था. विभिन्न परीक्षाओं के दौरान अध्ययनरत छात्रों की कक्षाएं बाधित नहीं हो, इसे लेकर विवि ने परीक्षा भवन के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे स्वीकृत करते हुए राशि निर्गत कर दी. शिलान्यास तत्कालीन कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने किया था. विवि के तत्कालीन अभियंता सोहन चौधरी काे को काम पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी दी गयी. 23 मार्च 2018 को तत्कालीन कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया. तब प्रो. सिंह ने कहा था कि भवन में परीक्षाओं का आयोजन होगा. लेकिन, इसे भुला दिया गया.

परीक्षा विभाग के कार्यालयों को वहां शिफ्ट करने की भी चली थी चर्चा

जानकारी के अनुसार कुछ दिन बाद यह भी चर्चा चली कि परीक्षा विभाग का सभी कार्यालय उसी भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा. यह बात भी आगे चलकर ठंडी पड़ गयी. फिलहाल परीक्षा भवन, गोदाम बनकर रह गया है. समुचित उपयोग एवं नियमित देखरेख नहीं होने से भवन क्षतिग्रस्त होने लगा है. भवन की बाहरी के साथ अंदरूनी चमक फीकी पड़ने लगी है. खिड़कियों का शीशा टूट रहा है. भवन के भीतर गंदगी ही गंदगी है. कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित ने बताया कि इस संबंध में पूरी जानकारी मुझे नहीं है. जानकारी लेकर मामले को कुलपति के संज्ञान में देंगे. विमर्श कर उचित कदम उठाया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version