Darbhanga News: बहादुरपुर. कृषि विभाग का चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला अब प्रमंडल के तीनों जिले के पंचायत स्तर तक पहुंचेगा. संयुक्त निदेशक शष्य संजय नाथ तिवारी ने गुरुवार को संयुक्त कृषि भवन परिसर से झंडी दिखाकर इस चलंत प्रयोगशाला को विदा किया. मौके पर उन्होंने कहा कि किसान खेत में अंधाधुंध उर्वरक का उपयोग करते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित हो रही है, लिहाजा मिट्टी की जांच अति आवश्यक है. प्रमंडल के तीनों जिला मुख्यालय पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला के साथ चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को अब सुदूर ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाया जायेगा. दरभंगा, समस्तीपुर व मधुबनी जिले में पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर किसानों के खेतों की मिट्टी जांच करने का निर्देश दिया गया है. तीनों जिले के लिए अलग अलग रूट चार्ट बनाकर चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला भेजने के लिए कहा गया है. वहीं डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने कहा कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को किसानों तक पहुंचाया जायेगा.
किसानाें को उपलब्ध कराया जायेगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड
प्रखंड मुख्यालय व पंचायत स्तर पर एक जगह कैंप लगाकर लाये गये मिट्टी के नमूनाें की जांच की जायेगी. जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा. इस कार्ड पर खेतों में जरूरी उर्वरक की पूरी जानकारी रहेगी. इसके अनुरूप किसान अपने खेतों में उर्वरक का छिड़काव कर उर्वरा शक्ति बढ़ा सकेंगे. रसायन के सहायक निदेशक डॉ शिवेश कुमार ने कहा कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला पूर्ण रूप से वातानुकूलित है. इसमें सारी व्यवस्था है. इसमें फिलहाल एक चालक, दो मिट्टी जांच पदाधिकारी तथा एक अन्य स्टाफ को प्रतिनियुक्ति किया गया है. मौके पर उद्यान के सहायक निदेशक नीरज कुमार झा, सहायक अनुसंधान पदाधिकारी मो. सलमान अख्तर, कृषि समन्वयक राम बाबू राय, मुक्ता सिन्हा सहित अन्य कर्मी मौजूद थे.
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