दरभंगा.
लनामिवि के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद, पूर्व वित्तीय परामर्शी व वित्त पदाधिकारी कैलाश राम सहित पूर्व व वर्तमान 16 नामजद अधिकारी व अन्य के खिलाफ 20 करोड़ से अधिक के गबन, सरकारी राशि के दुरुपयोग, प्रशासनिक अनियमितता आदि को लेकर दर्ज मामले की जांच बुधवार को दूसरे दिन भी स्पेशल विजिलेंस यूनिट, पटना (एसवीयू) की दो सदस्यीय टीम ने की. आज दोपहर करीब एक बजे जांच टीम विवि मुख्यालय पहुंची. करीब पांच घंटे तक निगरानी की टीम कुलपति व कुलसचिव से मिलकर मामले को खंगालती रही. जांच अधिकारी या विवि अधिकारी जांच के संबंध में कुछ स्पष्ट बताने से परहेज कर रहे हैं. इधर, कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि मामला न्यायालय में है, जांच चल रही है. इस संबंध में वे कुछ नहीं बता सकते.सीधे प्रशासनिक भवन पहुंची जांच टीम
बताया जाता है कि दूसरे दिन बुधवार को विवि मुख्यालय पहुंचते ही निगरानी टीम सीधे कुलपति से मिलने के लिये प्रशासनिक भवन में प्रवेश कर गयी. निगरानी टीम के प्रशासनिक भवन में प्रवेश करते ही इसकी सूचना कुलपति को दी गयी. प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर बाहरी लोग सहित मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी. सुरक्षा गार्ड ने केवल विवि के अधिकारी सहित उस भवन के विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को ही आने- जाने की अनुमति दी. निगरानी टीम के पहुंचने की सूचना पाकर आधा घंटा बाद लगभग दो बजे कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी करीब 40 दिन बाद विवि के वीसी कार्यालय पहुंचे.अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तेज हो गयी थी चहलकदमी
निगरानी टीम के आगमन व वीसी के विवि मुख्यालय पहुंचते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों की चहलकदमी तेज हो गई. दर्ज मामले में नामित कई अधिकारी कार्यकाल में मौजूद दिखे. अन्य कार्यों को लेकर कुलपति से मिलने भी जाते देखे गये. अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी भले ही अपने विभाग में बैठे थे, लेकिन उनकी नजरें प्रशासनिक भवन में आने- जाने वाले लोगों एवं उनकी गतिविधियों पर टिकी थी.
कुलपति तथा कुलसचिव से टीम ने की बात
बताया जाता है कि निगरानी टीम के सदस्यों ने कुलपति से औपचारिक मुलाकात कर आरोपों से संबंधित मुद्दे पर बातचीत की तथा जांच कार्य में सहयोग करने व उससे संबंधित कार्यालय का अभिलेख उपलब्ध करवाने का आग्रह किया. टीम के सदस्यों ने कुलपति से करीब आधे घंटे तक बातचीत की. कुलपति ने कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित को बुलाकर टीम के सदस्यों को जांच कार्य में सहयोग करने का निर्देश दिया. करीब डेढ़ घंटे तक कुलपति वीसी कार्यालय में रहने के बाद आवासीय कार्यालय के लिए निकल गये. वहीं, निगरानी की टीम कुलसचिव से आरोपों से संबंधित मामले को लेकर पूछताछ की. बताया जाता है कि निगरानी टीम ने दर्ज मामले के आरोपों की पुष्टि से संबंधित बातचीत की. कई अभिलेखों की मांग भी की.
दो अधिकारी से अधिक के दरभंगा में होने की संभावना
सूत्रों की माने तो एक निजी गाड़ी से निगरानी टीम के दो सदस्य विवि मुख्यालय पहुंचे थे. हालांकि बताया जाता है कि टीम के कई अन्य सदस्य भी दरभंगा में हैं. दो सदस्यों को लेकर जो गाड़ी विवि मुख्यालय पहुंची थी, वह शाम करीब छह बजे वहां से खाली लौट गयी. इन गाड़ियों के साथ तीन अन्य गाड़ी को लोगों ने विवि थाने की ओर जाते देखा.
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