पुरुषोत्तम चौधरी, बहादुरपुर. जिले में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. अब तक आम, लीची, केला, अमरूद, पपीता आदि फसलों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा था. राज्य सरकार ने पहली बार उद्यानिकी में नारियल को भी शामिल किया है. अब जिले के किसान नारियल की खेती से भी अपना आय बढ़ा सकते हैं. जिले में नारियल फसल को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. इस वर्ष जिले में नारियल के 800 पौधे लगाये जायेंगे. इस पर विभाग द्वारा 75 फीसदी अनुदान दिया जायेगा. योजना का लाभ शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र के लोग उठा सकेंगे. योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा. कोई भी व्यक्ति जरूरत के हिसाब से पौधा विभाग से ले सकता है. इसे लेकर जल्द ही ऑनलाइन आवेदन लिया जायेगा. गर्मी में बढ़ नारियल की मांग जाती है. गर्मी से बचने के लिये लोग नारियल का पानी पीते हैं. साथ ही पूजा आदि के समय भी नारियल का डिमांड बढ़ता है. बाजार में पानी वाला प्रति नारियल 50 से 60 रुपये में बिकता है. एक किसान को इस योजना के तहत अधिकतम चार हेक्टेयर का लाभ दिया जाएगा. जबकि अन्य लोगों को अधिक से अधिक घर, आंगन व दरवाजे पर पांच नारियल का पौधा अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा सकेगा. नारियल विकास बोर्ड के माध्यम से किसानों को विभाग पौधा उपलब्ध करायेगा. एक पौधे की कीमत 85 रुपये निर्धारित की गयी है. इस पर किसानों को 75 फीसदी अनुदान मिलेगा. शेष राशि किसानों को वहन करना होगा. विभाग की ओर से खेती को बढ़ावा मिलने से जिले में नारियल का उत्पादन बढ़ेगा. नारियल मामले में जिला आत्मनिर्भरता की और बढ़ेगा. किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. सहायक निदेशक उद्यान नीरज कुमार झा ने बताया कि जिले में कुल 800 पौधे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. चार जून के बाद किसान योजना को लेकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. जिले में नारियल का उत्पादन नहीं के बराबर है. वर्तमान में अन्य जगहों से नारियल आयात कर यहां डिमांड पूरी की जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है