नगरपालिका संशोधन विधेयक काला कानून, किया जायेगा विरोध
मेयर अंजुम आरा, डिप्टी मेयर आदि ने मंगलवार को बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 की प्रति को जलाकर विरोध प्रकट किया.
दरभंगा. मेयर अंजुम आरा, डिप्टी मेयर आदि ने मंगलवार को बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 की प्रति को जलाकर विरोध प्रकट किया. नगर निगम कार्यालय के मुख्य द्वार के बाहर सड़क पर गजट की प्रति जलायी गयी. सभी ने एक सूर में कहा कि अधिकार छीने जाने से अफसरशाही बढ़ेगी. इस पर पुन:विचार करने की मांग की. मांग नहीं माने जाने पर विधानसभा का घेराव करने एवं कोर्ट जाने की बात कही. सरकार के विरुद्ध जमकर नारे लगाए. मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षदों को अधिकार देना होगा. जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन करना बंद करो, गजट को वापस लेना होगा आदि नारे लगाये. मेयर ने इसे काला कानून बताया. कहा कि हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. कहा कि किसी भी एजेंडा के लिए अब अधिकारी पर निर्भर रहना पड़ेगा. आमजन का सीधे अधिकारी तक पहुंच पाना मुश्किल होता है. लोग मेयर व डिप्टी मेयर से मिलकर समस्या रखते है. जनप्रतिनिधि समस्या के निराकरण के लिए अधिकारी पर दबाव देते हैं. बदले कानून से काम जीरो हो जायेगा. संशोधन वापस नहीं लेने पर कोर्ट तक जाने की बात कही. पार्षद शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि मांग नहीं माने जाने पर दरभंगा से लेकर पटना तक आंदोलन तेज किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो विधानसभा का घेराव किया जायेगा. कहा कि अधिकार छीना गया है. इससे अफसरशाही बढेगी. जनता का काम नहीं होगा. विरोध जताने वालों में पूजा मंडल, राजीव कुमार, मुकेश महासेठ, विश्वपति मिश्र, नफीसूल हक रिंकू, रियासत अली, रिंकू कुमारी, फिरदौस जहां, गंगा मंडल, विकास चौधरी, खलीजुर्र रहमान, सुभाष सौरभ आदि शामिल थे. जानकारी अनुसार अब सरकार के सभी निर्णयों और दिशा-निर्देशों को निकायों को मानना होगा. बैठकों की कार्यवाही में मेयर का पर्यवेक्षण अधिकार छीन लिया गया है. अब महापौर या मुख्य पार्षद को बैठक की प्रोसीडिंग में मिलने वाले अधिकार को हटा दिया गया है. बैठक में लिये गये निर्णयों की कार्यवाही पर नगर आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारी का अंतिम निर्णय मान्य होगा. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का अधिकार नगरपालिका को दिया गया है. लेकिन, अब इस अधिकार को छीन लिया गया है. प्रदेश सरकार अब अपने स्तर से पूरे राज्य के नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित सभी कार्य करेगी. इसके लिये एजेंसी तय करने से लेकर पूरा अधिकार सरकार की होगा.
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