Darbhanga News: नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू

Darbhanga News:नहाय-खाय के साथ आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व मंगलवार से आरंभ हुआ. इसे लेकर अहले सुबह से ही छठ व्रतियों ने त्रिमुहानी संगम धाम सहित विभिन्न तालाब व नदियों में स्नान किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 5, 2024 11:04 PM

Darbhanga News: बेनीपुर. नहाय-खाय के साथ आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व मंगलवार से आरंभ हुआ. इसे लेकर अहले सुबह से ही छठ व्रतियों ने त्रिमुहानी संगम धाम सहित विभिन्न तालाब व नदियों में स्नान किया. घर-आंगन को गाय के गोबर से लीपकर मिट्टी के नये चूल्हे पर अरवा चावल व कद्दू की सब्जी बनाकर ग्रहण किया. इसके बाद दिन भर व्रती महापर्व की तैयारी में जुटी रही. पर्व में प्रसाद बनाने के लिए गेहूं-चावल धोकर उसे सुखाती रही. बुधवार को दिन भर निर्जला उपवास रख व्रती देर शाम खरना का प्रसाद स्वयं बनायेंगी. पूजन के पश्चात वहीं प्रसाद ग्रहण करेंगी. साथ ही घर के लोगों के बीच वितरण किया जायेगा. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला शुरू हो जायेगा. गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पण करेंगी. वहीं शुक्रवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण के साथ महापर्व का समापन होगा. इधर पर्व की खरीदारी को लेकर बेनीपुर, आशापुर व बहेड़ा बाजारों में भी काफी चहल-पहल दिखी. बेनीपुर मुख्य बाजार में खरीदारों की फिर के कारण दिनभर जाम का नजारा रहा. इस दौरान फल, सब्जी से लेकर चूड़ी तक की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ दिनभर उमड़ती रही. वहीं उत्पन्न जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी, ताकि लोगों को खरीदारी में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, बावजूद जाम में दिन भर लोग जूझते रहे.

मिट्टी के चूल्हे में तैयार किया जाता है खरना का प्रसाद

इस हाइटेक युग में गांव से शहर तक लोगों के घरों से मिट्टी का चूल्हा गायब हो चुका है, परंतु आस्था का महापर्व ने सभी को मिट्टी के चूल्हे की याद करा दी है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खरना व अर्घ्य के लिए प्रसाद तैयार करने में मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करती हैं. स्वयं बनाकर या बाजार से खरीदकर व्रती महिला मिट्टी के चूल्हे पर खरना समेत अर्घ्य के लिए प्रसाद तैयार करती हैं. चूल्हा को अंतिम रूप देती ग्रामीण महिला जगतारणी देवी, लुखिया देवी, सुशीला देवी, पिंकी देवी आदि ने बताया कि छठ पर्व में मिट्टी के चूल्हे की मांग काफी बढ़ जाती है. छठ ही ऐसा पर्व है जिसमें सभी पकवान आम के जलावन से मिट्टी के चूल्हे पर ही बनता है. पर्व के अन्य सामग्रियां तो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है, परंतु मिट्टी के चूल्हे आसानी से नहीं मिल पाता. इसका निर्माण स्वयं ही करना पड़ता है. गत 15-20 दिनों से छठ पर्व के लिए चूल्हा बनाने में जुटी हूं,अपना तो एक ही चूल्हे से काम चल जायेगा, परंतु शहर से छठ पर्व करने आनेवाले परदेसी यह चूल्हा कहां से लायेंगे. इसलिए एक से अधिक चूल्हे का निर्माण कर रखती हूं, ताकि किसी को चूल्हे के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े.

छठ घाटों को फाइनल टच देने में जुटे स्थानीय लोग

कुशेश्वरस्थान. लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया. इसे लेकर व्रती महिलाएं नदी, तलाब में सुबह से ही स्नान करने में जुटी है. इधर छठ घाट को फाइनल टच देने में लोग जुटे हैं. औराही तालाब छठ घाट की साफ-सफाई में कुदाल थामकर युवाओं की टोली जुटी है. वहीं हिरणी, हरिनगर, आसो, हरौली, मसानखोन, घोड़सर, गोरा, मिसी, महरी, नदियामी, बलहा , सुल.तानपुर, विषहरिया, भदहर, बड़गांव, दिनमो, झझड़ा, सोहरबाघाट समेत सभी गांव के छठ घाट की साफ-सफाई कर साज-सज्जा का काम लोग अपने स्तर से कर रहे हैं. प्रशासनिक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में छठ घाटों की सफाई को लेकर कोई पहल नहीं की गयी है. इससे लोगों में नाराजगी है. सबसे बड़ी समस्या छठ घाटों पर जलकुंभी का जमा होना है. वहीं छठ पूजन सामग्री की खरीददारी को लेकर कटबाराघाट, बेरि चौक, सोहरबाघाट, पंचवटी चौक, झझड़ा बाजार सहित विभिन्न चौक-चौराहों पर लोगों की भीड़ दिनभर लगी रही. हरौली गांव में छठ पर होने वाले सूर्य पूजा की तैयारी पूजा समिति व ग्रामीणों द्वारा की जा रही है. यहां बीच कमला नदी में सूर्यदेव सहित अन्य देवी-देवता की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. औराही तलाब स्थित छठ घाट बनाने में सुधांशु कुमार चौधरी, सुजीत कुमार चौधरी, बोलबम पाठक, युवराज चौधरी, रंजन कुमार चौधरी, कुंदन कुमार, कुलदीप कामति, बुलबुल पाठक, बिट्टू कुमार, गोपाल कुमार, हरिओम, काशी तांती, नवीन कामति, चंदन मुखिया, मोलहू मुखिया, रमन मुखिया, मंगल मुखिया, राजकुमार कामति आदि जुटे थे.

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