Darbhanga News: वर्तमान समय में हो रहे शोध कार्यों को वेद के सिद्धांतों से जोड़ने की आवश्यकता

Darbhanga News:आज जरूरत है कि विज्ञान या आधुनिक खोज को वेद से कैसे जोड़ा जाए, ताकि हमारा समाज और भी सभ्य और एकरूपता में ढलने के साथ समुचित विकास कर सके.

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2024 10:49 PM

Darbhanga News: दरभंगा. सीएम साइंस कॉलेज के भौतिकी विभाग एवं विनियम रिसर्च एसोसिएशन, धनबाद (झारखंड) की ओर से ””””साइंस, टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस इन वेदाज एंड अदर फिलासफीज”””” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का गुरुवार को उदघाटन करते हुये कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एके नायक ने कहा कि वर्तमान तकनीकी युग में लोग विज्ञान तकनीक और सामाजिक विज्ञान के विकास की बात करते हैं, लेकिन यह समझना चाहिए कि जिस रास्ते आज विज्ञान, तकनीक और सामाजिक विज्ञान अपने प्रगति की राह चल रहा है, वह सब कुछ वेद में बहुत पहले से ही निहित है. कहा कि आज जरूरत है कि विज्ञान या आधुनिक खोज को वेद से कैसे जोड़ा जाए, ताकि हमारा समाज और भी सभ्य और एकरूपता में ढलने के साथ समुचित विकास कर सके. वर्तमान समय में हो रहे शोध कार्यों को वेद के सिद्धांतों से जोड़ने की आवश्यकता है. ऐसा करने में अगर सफल हुए तो निश्चित ही विकास अपने चरम गति को प्राप्त करेगा. कहा कि कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती हुई तकनीक का वेद के सिद्धांतों से एकीकरण करते हुए इस क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा सकता है.

वेद, पुराण एवं उपनिषद मात्र धार्मिक ग्रंथ नहीं, यह है ज्ञान का भंडार- प्रो. मिश्रा

लनामिवि के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि वेद, पुराण एवं उपनिषद मात्र एक धार्मिक ग्रंथ भर नहीं है, बल्कि यह ज्ञान का भंडार है. इसमें विज्ञान के सिद्धांत प्रमाण के साथ है. वेदों में भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, गणित, चिकित्सा, कृषि तकनीकी, पर्यावरण, ज्योतिष आदि के अतिरिक्त भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान के सिद्धांतों की विस्तृत चर्चा की गई है. कहा कि आज जिस समावेशी विकास, नारी उत्थान, पर्यावरण संतुलन, जल संरक्षण आदि की बातें करते हैं, उन सभी का हजारों साल पहले वेदों में वर्णन है.

कई विषय विशेषज्ञों ने रखे विचार

प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में विनियम रिसर्च एसोसिएशन, धनबाद (झारखंड) की अध्यक्ष उमा गुप्ता ने कहा कि पाठ्यक्रम आधारित विषयों को केंद्र में रखकर आगे भी ऐसी संगोष्ठी होगी. संगोष्ठी में त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के डॉ दीर्घ राज जोशी एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची के मनोहर कुमार दास ऑनलाइन जुड़े. पीजी भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ एन आलम, डॉ विश्व दीपक त्रिपाठी ने भी विचार रखा. डॉ स्वर्णा श्रेया के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉ उमेश कुमार दास ने किया. मौके पर संयुक्त आयोजन सचिव डॉ अजय कुमार ठाकुर, डॉ सुजीत कुमार चौधरी, डॉ रश्मि रेखा, डॉ रवि रंजन, प्रवीण कुमार झा, चेतकर झा आदि मौजूद थे.

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