Bagmati River : हनुमाननगर. प्रखंड की पश्चिम-दक्षिण सीमा पर बहने वाली बागमती नदी व उत्तर-पूर्व सीमा पर बहने वाली अधवारा समूह की एकमी नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. यह पानी अम्मा, बहपत्ती, छतौना, डीहरामपुर, कनैल, काली, डीहलाही, नरदरिया, पोअरिया आदि गांव के चौर में फैलने लगा है. वहीं बहपत्ती जाने वाली सड़क में बने पुलिया पर पानी चढ़ रहा है. जलस्तर के बढ़ने का क्रम अगर यूं ही जारी रहा तो प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग होने की आशंका है. वहीं इसी तरह जलस्तर में वृद्धि होती रही तो रिहाइसी इलाकों व गांवों में भी पानी घुसने की संभावना है. विदित हो कि इस क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका से प्रत्येक वर्ष सहमे रहते हैं. प्राय: प्रत्येक वर्ष बाढ़ प्रखंड क्षेत्र के लोगों की नियति बन चुकी है. दरअसल प्रखंड क्षेत्र में बागमती नदी के बाएं व अधवारा समूह एकमी नदी के दाएं किनारे कोई बांध नहीं है. वहीं प्रखंड क्षेत्र की अधिकतर आबादी इसी दोनों नदी के खुले मुहाने में रहती है. इसे लेकर नदी में जलस्तर में वृद्धि होते ही क्षेत्र जलाप्लवित हो जाता है.
Bagmati River : नेपाल से आने वाले बाढ़ के पानी का रास्ता बनाकर दिया है छोड़
इस क्षेत्र को सरकार व प्रशासन ने नेपाल से आने वाले बाढ़ के पानी का रास्ता बनाकर छोड़ दिया है. हालांकि इसे लेकर जल संसाधन विकास विभाग ने गंभीरता दिखायी. विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार के एक तारांकित प्रश्न के जवाब में अपने उत्तर में बाढ़ अवधि में जान-माल की क्षति की संभावना बनी रहने की बात स्वीकारी थी. इस क्षेत्र को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बंद पड़े शांति नदी को खोलकर बागमती को गंडक नदी से जोड़ने की परियोजना प्रारंभ की थी. अब देखने वाली बात यह है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र को बाढ़ से निजात मिलती है या नहीं. अब तो केंद्र सरकार ने भी बाढ़ की गंभीरता को मानते हुए 1150 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. लोगों का कहना है कि इससे शायद आने वाला समय इस क्षेत्र के लिए बाढ़ मुक्त हो.
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