Darbhanga News: राजकुमार रंजन, दरभंगा. शहर की मुख्य एवं मुहल्लों की सड़कों की चौड़ाई दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण के कारण सिकुड़ती जा रही है, जबकि इन पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे जाम शहर की स्थायी समस्या बन गयी है. पहले शहर के कुछ व्यस्ततम जगहों पर ही जाम लगती थी. वर्तमान में हर चौक-चौराहे इस समस्या से ग्रसित है. पिछले कुछ माह में ई- रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. परिवहन विभाग के अनुसार हर वर्ष एजेंसी से औसतन 300 नये ऑटो निकल रहे हैं. करीब 15 हजार तिपहिया वाहन यहां चल रहे हैं. इसमें जिले में निबंधित के अलावा पड़ोसी जिले के तिपहिया वाहन हैं. एक माह पूर्व समाहरणालय में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि तिपहिया वाहनों का रूट निर्धारित किया जायेगा. बैठक में लिये निर्णय के तहत नो-इंट्री में शहर से बसों के गुजरने पर तो रोक लगा दी गयी, पर ऑटो का रूट निर्धारित नहीं किया गया. प्रशासन की इस नाकामी का खामियाजा हर रोज शहरवासी जाम के तौर पर भुगत रहे हैं.
आठ माह में सड़क पर उतरी 2736 इ-रिक्शा एवं ऑटो
विभागीय आंकड़ाें के अनुसार वर्ष 2024 के जनवरी से अगस्त तक 2736 इ-रिक्शा एवं ऑटो शो-रूम से सड़क पर उतरा है. इनमें 1649 ऑटो एवं 1087 इ- रिक्शा है. अगस्त 2024 तक जिले में 9737 ऑटो एवं ई- रिक्शा निबंधित है. इनमें 3765 ई- रिक्शा एवं 5972 ऑटो है.जब जहां यात्री इशारा करे, रोक दिया जाता ऑटो
जब जहां यात्री इशारा करता है, चालक बिना आगे-पीछे, दांये-बांये देखे गाड़ी रोक देता है. इससे दुर्घटना की हमेशा संभावना बनी रहती है. सड़क पर यात्री दिखते ही तीन पहिया चालकों में रेस लग जाती है.ऑटो के लिए पड़ाव स्थल की व्यवस्था नहीं
नगर में पहले रिक्शा तथा ऑटो के लिये पड़ाव स्थल चिन्हित थे. इन स्थलाें का अब स्वरूप बदल गया है. नये पड़ाव स्थल चिन्हित नहीं किये गये हैं. इस वजह से चालक सड़कों पर ही ऑटो लगाकर यात्रियों की प्रतीक्षा करते हैं. अमूमन हर चौक-चौराहे पर अनधिकृत ऑटो स्टेंड बन सा गया है.पड़ाव स्थल चिह्नित नहीं होना बन रहा जाम का कारण- संघ
भारतीय ऑटो रिक्शा मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी का कहना है कि जब तक पूर्व निर्धारित पड़ाव स्थल को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जाएगा तथा नया पड़ाव स्थल चिन्हित नहीं किया जाएगा, तब तक जाम से मुक्ति संभव नहीं है. कहा कि सड़कों पर गाड़ी लगाने के नाम पर स्थानीय दबंग, पुलिस, तथा निगम से जुड़े लोग कई जगहों पर 50 से 150 रुपया वसूलते हैं. लोहिया चौक, बेंता चौक, अललपट्टी, दोनार चौक, दरभंगा रेलवे स्टेशन, कादिराबाद, छह नाका (दुर्गा मंदिर), हसनचक, दिल्ली मोड़ में पड़ाव स्थल है. इन सभी जगह अतिक्रमित कर चाय -पान, मीट- मछली एवं फल- फूल की दुकान खुल गयी है. इसे लेकर डीएम एवं प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित कई बैठकों में बातें रखी जा चुकी है. जाम से मुक्ति चाहिए तो प्रशासन को हकीकत को समझना होगा.जिले में अप्रैल 2021 से अगस्त 2024 तक निबंधित ऑटो एवं इ- रिक्शा
वर्ष – ऑटो रिक्शा- इ- रिक्शा2021 — 1078 — 03182022 —- 0927 — 08402023 — 2318 — 1520
2024 — 1649 —- 1087परिवहन विभा की भूमिका नहीं
एडीटीओ स्नेहा अग्रवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा समिति की गत बैठक में ऑटो स्टैंड निर्माण के लिए संबंधित सीओ को स्थल चयन का निर्देश समिति के अध्यक्ष सह डीएम स्तर से दिया गया था. जाम से मुक्ति दिलाने का दायित्व यातायात थाना एवं नगर निगम का है. परिवहन विभाग की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
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