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दरभंगा मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर नहीं

उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान दरभंगा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में एक भी एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है.

दरभंगा. उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान दरभंगा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में एक भी एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है. एसोसिएट प्रोफेसरों को प्राध्यापक में प्रोन्नति मिलने के कारण यह स्थिति बनी है. फिलहाल एसोसिएट का पद शून्य है. इसके कारण अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था व मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि शिक्षकों की कमी के मद्देनजर कई बार विभाग को सूचना दी गयी. मामले को लेकर कार्रवाई की जा रही थी. चुनाव के बाद विभागीय प्रक्रिया पूरी की जायेगी. जानकारी के अनुसार सेंट्रल ओपीडी में प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. सप्ताह में करीब नौ हजार मरीजों का इलाज होता है. साल में करीब 1.17 लाख से अधिक मरीज इलाज के लिए ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराते हैं. अस्पताल के विभिन्न विभागों में करीब 1400 बेड है. पूरे वर्ष बेड मरीजों से भरा रहता है. साल में करीब 12 लाख मरीज भर्ती होते हैं. लाखों मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में केवल 182 चिकित्सक कार्यरत हैं. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के अनुसार डीएमसीएच में चिकित्सकों की कमी है. पूर्व में हुये निरीक्षण में यह बात सामने आयी है. बताया गया कि मानक के अनुसार यूजी में करीब 10 व पीजी में करीब 25 प्रतिशत सीटें रिक्त है. हालांकि एनएमसी ने यूजी के एक विभाग में शिक्षकों की संख्या को 12 से घटाकर आठ कर दिया है. डीएमसीएच में क्लीनिकल व नन क्लीनिकल के कुल 28 विभाग संचालित है. डीएमसी के डॉ केएन मिश्रा ने बताया कि शिक्षकों की कमी के मद्देनजर विभाग को सूचित किया गया है. चुनाव के बाद विभागीय प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

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