जिले के छह प्रखंडों में मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना का श्रीगणेश भी नहीं
मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत सभी 18 प्रखंडों के कुल 308 पंचायत के सभी वार्डों को दो चरणों में रोशन करना है
राजकुमार रंजन, दरभंगा मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत सभी 18 प्रखंडों के कुल 308 पंचायत के सभी वार्डों को दो चरणों में रोशन करना है. प्रथम फेज में सभी प्रखंड के प्रत्येक पंचायत के चार-चार वार्ड का चयन किया गया. प्रत्येक वार्ड में अधिकृत एजेंसी को 10-10 स्ट्रीट लाइट लगानी है. विभागीय आंकड़ा बताता है कि अब तक जिले के छह प्रखंड में कार्य भी प्रारंभ नहीं हुआ है. इनमें अलीनगर, गौड़ाबौराम, केवटी, घनश्यामपुर, किरतपुर एवं कुशेश्वरस्थान प्रखंड शामिल है. प्रथम चरण में 12320 सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी जानी थी. अब तक 12 प्रखंड के 724 वार्ड में 2896 सोलर स्ट्रीट लाइट ही लगी है. पंचायती राज निदेशालय ने जिले को प्रथम फेज में योजना पर खर्च करने के लिये दो करोड़ 18 लाख 5781 रुपये दिये हैं. मुखिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा से चयनित स्थल पर सोलर स्ट्रीट लाइट लगाना है. लाइट लगाने में सबसे बड़ी समस्या खंभा (पोल) की कमी है. कई प्रखंड के मुखिया ने डीपीआरओ एवं बीपीआरओ को ज्ञापन देकर कहा है कि सोलर स्ट्रीट लगाने के लिए आम सभा से स्थल चयन कर लिया जाता है, परंत चयनित स्थल पर खंभा नहीं होने की वजह से एजेंसी लाइट नहीं लगाती. एजेंसी अनधिकृत रूप से बिजली के पोल पर सोलर स्ट्रीट लाइट लगा दे रही है. कहा है कि इसे कभी भी बिजली विभाग उतरवा सकता है. एजेंसियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि अनुबंध में खंभा (पोल) लगाने की बात नहीं है. सोलर स्ट्रीट लाइट में 20 वाट का बल्ब लगा हुआ है. प्रति सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिये 30 हजार 799 रुपये 10 पैसा का अनुबंध है. प्रतिनिधियों का कहना था कि आम सभा से अधिकांश उन स्थलों का चयन किया जाता है, जहां स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए खंभा उपलब्ध नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधि से खंभा स्थापित किए जाने का अनुरोध किया जा रहा है. डीपीआरओ प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए चार एजेंसी काम कर रही है. वित्तीय वर्ष के अंत तक काम पूरा हो जाने की संभावना है. आम सभा से चयनित कई स्थल पर खंभा नहीं होने से लाइट लगाने में परेशानी हो रही है. इसे लेकर अधिकांश मुखिया ने आपत्ति की है. एजेंसी व जनप्रतिनिधि के साथ बैठक कर जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
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