रात में खुद सो जाती नर्स, काम करता उसका पेड स्टाफ

दरभंगा. डीएमसीएच में मरीजों की तिमारदारी प्राइवेट कंपाउंडर करते हैं. रात में डयूटी करने के बदले नर्स अस्पताल में ही सो जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 12:04 AM

दरभंगा. डीएमसीएच में मरीजों की तिमारदारी प्राइवेट कंपाउंडर करते हैं. रात में डयूटी करने के बदले नर्स अस्पताल में ही सो जाती है. बदले में उसका पेड स्टाप मरीजों को सूई आदि लगाता है. अस्पताल में कई नर्स ने पैसे पर आदमी रख रखा है. जब उसकी ड्यूटी लगती है तब साथ में पेड स्टाफ भी पहुंचता है. नर्स या तो बैठी रहती है या आराम करती रहती है. उसके बदले उसका पेड स्टाप काम करता है. यह स्थिति अधिकांशतः रात के शिफ्ट में देखी जा रही है. इससे मरीजों के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता. ताजा मामला मेडिसिन विभाग का है. 17 अप्रैल को जब उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार ने विभाग का औचक निरीक्षण किया, तब वहां एक बाहरी आदमी को नर्स का काम करते देखा. उपाधीक्षक ने उससे आइडी कार्ड मांगा. उस व्यक्ति ने उपाधीक्षक को बताया कि वह एक नर्स के बदले ड्यूटी बजा रहा है. बदले में उसे संबंधित नर्स से पैसा मिलता है. इस पर उपाधीक्षक ने उसे फटकार लगायी. कहा कि आगे से नजर नहीं आना. इसे लेकर उपाधीक्षक ने संबंधित सिस्टर इंचार्ज से जवाब-तलब किया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अगर इस पर रोक नहीं लगी, तो पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्तियों को पुलिस के हवाले किया जायेगा. संबंधित नर्स पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अस्पताल में सालों से चल रहा यह खेल डीएमसीएच में बाहरी बाहरी स्वास्थ्यकर्मी द्वारा डयूटी बजाने का मामला कोई नया नहीं है. जानकार बताते हैं कि अस्पताल में सालों से यह खेल चल रहा है. एक बार तो इलाज करते फर्जी डाक्टर धरे गये हैं. जानकारी के अनुसार ड्यूटी पर नहीं रहने व रात में आराम के बदले कुछ नर्स, प्राइवेट कंपाउंडर रखती है. इससे पहले भी कई बार प्राइवेट कंपाउंडर को अस्पताल में ड्यूटी करते धरा गया है. उन्हें तथा संबंधित नर्स को चेतावनी देकर छोड दिया जाता रहा. इसके बाद भी व्यवस्था में बदलाव नहीं आ रहा. मेडिसिन विभाग में यह संगीन मामला सामने आया है. लगातार विभाग का निरीक्षण किया जायेगा.स्थिति में सुधार नहीं होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की जायेगी. साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ भी कदम उठाया जायेगा. डॉ हरेंद्र कुमार, उपाधीक्षक

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