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पहले मांग पत्र पर भी नहीं निकल पाता ओपनिंग डे का टिकट

दरभंगा तथा यहां से गुजरनेवाली लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि हो रही है, लेकिन यात्रियों की संख्या के अनुपात में काफी कम गाड़ियां रहने के कारण प्राय: किसी भी ट्रेन में ऑन डिमांड रिजर्वेशन यात्रियों को नहीं मिल पाता

दरभंगा. दरभंगा तथा यहां से गुजरनेवाली लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि हो रही है, लेकिन यात्रियों की संख्या के अनुपात में काफी कम गाड़ियां रहने के कारण प्राय: किसी भी ट्रेन में ऑन डिमांड रिजर्वेशन यात्रियों को नहीं मिल पाता. इन दिनों तो स्थिति और भी विकट है. चार महीना बाद का भी रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा. न तो आवक ट्रेन में आरक्षण मिल पा रहा है और न ही जावक गाड़ियों में ही रिजर्वेशन इच्छुक यात्री बुक करा पा रहे हैं. आलम यह है कि ओपनिंग डे (120वें दिन) का सामान्य आरक्षण भी पलक झपकते ही बुक हो जाते हैं. एक मिनट से भी कम समय में पूरी ट्रेन बुक हो जाती है और वेटिंग मिलना शुरू हो जाता है. इस वजह से रेलवे के आरक्षण केंद्र से पहले मांग पत्र पर भी बर्थ बुक नहीं हो पाता. इसके भरोसे रहनेवाले यात्रियों को निराश लौट जाना पड़ता है. प्रकाश पर्व दीपावली इस बार 31 अक्तूबर को है, वहीं, लोक आस्था के महापर्व छठ का पहला अर्घ सात नवंबर को अर्पित किया जायेगा. इस अवसर पर गांव आकर परिजनों संग त्योहार मनाने के लिए घर से दूर रहनेवाले ट्रेन में अपना बर्थ बुक कराने की कोशिश में हैं, लेकिन अधिकांश यात्री सफल नहीं हो पा रहे. पर्व के मौके पर घर आनेवाले ही अग्रिम रिजर्वेशन के लिए परेशान नहीं हैं, त्योहार के बाद लौटनेवालों को जावक गाड़ियों में भी आरक्षण नहीं मिल रहा. यूं तो लंबी दूरी की सभी गाड़ियों में दीवाली-छठ को लेकर आरक्षण की मारमारी चल रही है, लेकिन सर्वाधिक डिमांड, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरू आदि क्षेत्र की गाड़ियों में है. दरभंगा से नित्य नई दिल्ली के लिए रवाना होनेवाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस में प्रथम श्रेणी को छोड़ एक हजार से अधिक आरक्षित बर्थ हैं. आरक्षण के लिए रेलवे का साइट सुबह आठ बजे खुलता है. इस गाड़ी के सभी बर्थ साइट खुलने के एक मिनट से पहले ही फुल हो जाते हैं. बता दें कि इस गाड़ी में स्लीपर के 480 बर्थ हैं, जबकि एसी थ्री के 432 व एसी टू के करीब 96 बर्थ हैं. कुछ ऐसा ही हाल मुंबई जानेवाली पवन एक्सप्रेस का भी है. 640 स्लीपर, 432 एसी थ्री व 96 एसी टू कोच के बर्थ महज कुछ सेकेंड में बुक हो जा रहे हैं. इसी वजह से पिछले दो दिनों से छठ के बाद का आरक्षण लेने के लिए गरीबनाथ राय दरभंगा जंक्शन के आरक्षण केंद्र जा रहे हैं, लेकिन निराश होकर लौट जाते हैं. कुछ ऐसी ही शिकायत मुंबई से आने की योजना बना रहे भास्कर साह की भी है. यात्रियों का कहना है कि सुबह आठ बजे लिंक आने के साथ रेलवे के आरक्षण केंद्र पर काम चालू होता है, लेकिन टिकट का पूरा विवरण भरते-भरते सर्वर स्लो हो जाता है. जब तक सर्वर सही हो पाता है, तब तक सारे बर्थ बुक हो चुके होते हैं. इसका बेजा लाभ इ-टिकट काटनेवाले उठा रहे हैं. यात्रियों की मजबूरी का फायदा लेते हुए स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन पर प्रति यात्री निर्धारित राशि से 500 से 700 रुपए अधिक वसूल रहे हैं. श्रेणी के अनुसार इनका दर तय रहता है. इसमें अवैध तरीके से आरक्षण टिकट बनाये जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता. बहरहाल त्योहार पर आने व त्योहार के बाद जाने वाले त्योहार स्पेशल ट्रेन की टकटकी लगाये हुए हैं, जिसकी घोषणा अक्तूबर से पहले होने की उम्मीद नहीं है. इसका बेजा लाभ इ-टिकट काटनेवाले उठा रहे हैं. यात्रियों की मजबूरी का फायदा लेते हुए स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन पर प्रति यात्री निर्धारित राशि से 500 से 700 रुपए अधिक वसूल रहे हैं. श्रेणी के अनुसार इनका दर तय रहता है. इसमें अवैध तरीके से आरक्षण टिकट बनाये जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता. बहरहाल त्योहार पर आने व त्योहार के बाद जाने वाले त्योहार स्पेशल ट्रेन की टकटकी लगाये हुए हैं, जिसकी घोषणा अक्तूबर से पहले होने की उम्मीद नहीं है.

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