जाले.चिलचिलाती धूप पर लगातार हीट बेव के कारण नप क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे चले जाने से चापकल लगभग पानी देना बंद कर दिया है. लगभग पांच हजार की आबादी वाले वार्ड 22 व 24 लतराहा के अधिकांश चापाकल हांफने लगे हैं. वहीं नल-जल योजना शोभा की वस्तु बनी हुई है. वार्ड 22 निवासी जगदीश साह ने बताया कि चापाकल काफी कम पानी दे रहा है. आसपास नल-जल का पाइप ठेकेदार द्वारा बिछाया ही नहीं गया. वहीं वार्ड 22 के पार्षद रागिनी कुमारी के ससुर दिनेश साह ने बताया कि उनके घर में भी नल-जल का कनेक्शन नहीं है. खलिहान पर है, परंतु जगह-जगह पाइप क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से पानी नहीं देता. इसी वार्ड के अकलू ठाकुर, विन्दू देवी, रंजीत ठाकुर आदि ने बताया कि लगभग 15 दिनों से चापाकल पानी देना बंद कर दिया है. घर में नल-जल का पोस्ट है, परंतु उससे आजतक एक बूंद भी पानी नहीं आया. पड़ोसी के घर से पानी लाकर किसी तरह काम चला रहे हैं. उनके यहां भीअहले सुबह से लेकर दिन के 10 बजे तक चापाकल पानी देता है. वहीं 11 बजे के बाद बहुत कम पानी आता है. शाम के बाद तो तीन-चार बार हैन्डल चलाने पर एक ग्लास पानी आता है. जिला पार्षद प्रतिनिधि धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनका भी चापाकल पानी कम देने लगा है. पूर्व के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा लगाये गये नल-जल का पोस्ट शोभा की वस्तु बनी हुई है. आज तक इससे एक बूंद पानी नहीं आया. मुख्य पार्षद पिन्टू मेहता ने बताया कि जिस वार्ड के पार्षद उन्हें जल संकट की सूचना देते हैं, उन वार्डों में पार्षदों के ही संरक्षण में सुबह-शाम टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है. वार्ड 13 व 19 के पार्षदों की सूचना पर दोनो वार्ड में सुबह-शाम पानी का टैंकर पहुंच रहा है. बताया कि नल-जल की सारी व्यवस्था सरकार पीएचइडी को दे दिया है. चार संहिता की वजह से नल-जल की जर्जर व्यवस्था को लोकसभा चुनाव के बाद विभाग द्वारा मानक के अनुसार ठीक कराया जाएगा. तब तक जल संकट को देखते हुए नगर परिषद द्वारा तीन चलंत टैंकर से पानी भेजा जा रहा है.
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