जाले. प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गावों के खेतों में ही गेहूं भूसा का ढेर लगा हुआ है. अत्यधिक गर्मी के कारण किसान खेतों से भूसा उठाने से परहेज कर रहे हैं. लगातार पछुआ हवा चलने के कारण आधा से अधिक भूसा उड़ गया है, बावजूद गर्मी के कारण किसान इसे उठा नहीं रहे. बता दें कि अधिकांश किसानों ने लगभग एक माह पूर्व गेहूं की कटनी-दौनी कर अनाज घर ले गये. शादी, उपनयन, मुंडन आदि में लोग व्यस्त हो गए. राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला निवासी किसान सुधीर कुमार सहित अन्य ने बताया कि लगभग एक माह से खेतों में ही भूसा पड़ा हुआ है. मशरूम की खेती के लिए भूसा लाना आवश्यक है, परंतु शादी न्योता आदि को लेकर व्यस्त रहने की वजह से भूसा घर नहीं ला सका. बताया कि इस माह में अक्सर असामयिक बारिश होती थी. उसके डर से गेहूं की थ्रेसिंग कर अनाज घर ले आए. सूखाकर भंडारण कर व्यवस्थित कर लिया. भूसा घर ठीक करने के बाद शादी, मुंडन के न्योता आदि में व्यस्त हो गया. अब समय निकालकर खेतों से भूसा लाने का प्रयास किया जायेगा, लेकिन गर्मी के साथ पछुआ हवा की वजह से मजदूर नहीं मिल रहा. पछुआ हवा के दौरान भूसा उठाने पर उड़ने का भी भय है. बताया कि इस दौरान खेतों में पड़े कई भूसा के ढ़ेरों में आग लगने की वजह से नष्ट भी हो गये. कुछ किसान अहले सुबह से 10 बजे तक भूसा ट्रैक्टर से ढ़ोते दिखे. वहीं कुछ किसान तीन-चार बजे से भूसा इकठ्ठा करते दिखे. किसान विजय दास, उपेन्द्र दास आदि ने बताया कि अंधेरा होने के पहले जितना संभव होता है भूसा उठाते हैं. उसके बाद सांप-कीड़ा आदि के भय की वजह से छोड़ देते हैं.
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