Darbhanga News: ठंड के मौसम में दूसरा हादसा, डिवाइडर से टकरा कर पलटा धान लगा ट्रक
Darbhanga News:ठंड के मौसम में शहर में बिना संकेतक या रेडियम के बने डिवाइडर की वजह से शनिवार को दूसरा हादसा हो गया.
Darbhanga News: दरभंगा. ठंड के मौसम में शहर में बिना संकेतक या रेडियम के बने डिवाइडर की वजह से शनिवार को दूसरा हादसा हो गया. बेला मोड़ पर अहले सुबह करीब चार बजे एक धान लदा 16 चक्कों वाला ट्रक पलट गया. इसकी चपेट में आने से बगल में खड़ी राज परिसर की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गयी. इस वजह से घंटों अवागमन प्रभावित रहा. दूसरे वाहन से धान को वहां से निकालने के बाद ट्रक को हटाया गया. इसके बाद आवागमन सामान्य हो सका. उल्लेखनीय है कि ठंड के मौसम में कोहरा छाने के बाद डिवाइडर पर हादासे में इजाफा हो जाता है. शनिवार की रात से घना कोहरा छाया हुआ था. दिन चढ़ने के बाद भी धुंध छाया रहा. ऐसे मौसम रोड डिवाइडर खतरनाक हो गये हैं. पहली नजर में तो इस तरह की घटना में चालक की लापरवाही महसूस होती है, लेकिन यहां इसकी मुख्य वजहों में प्रशासनिक कुव्यवस्था प्रमुख है. यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के नजरिए से प्रशासनिक स्तर से शहर की सड़कों पर जगह-जगह रोड डिवाइडर बनाये गये हैं. अप एवं डाउन लेन की गाड़ियों का आवागमन सुचारू रखने के लिए कई स्थानों पर इसका निर्माण किया गया. डिवाइडर तो बना दिया गया, लेकिन आज तक प्राय: कहीं भी न तो इसके लिए संकेतक लगाये गये और न ही रेडियम पट्टी ही बनायी गयी, लिहाजा विशेषकर जाड़े की रात में धुंध छा जाने पर डिवाइडर का पता ही चालकों को नहीं लग पाता. इस वजह से अक्सर गाड़ियां डिवाइडर पर चढ़ जाती या
डिवाइडर एवं प्लेटिनम पोल को कई बार किया गया क्षतिग्रस्त
आरसीडी के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार ने बताया कि बेला मोड़ पर क्षतिग्रस्त डिवाइडर को कई बार दुरुस्त किया गया है. वाहन चालक को डिवाइडर दूर से ही दिखाई दे, इसके लिए नगर निगम द्वारा प्लेटिनम पोल भी लगाये गये थे. वह एरिया नो पार्किंग जोन में आता है. इसका भी बोर्ड आरसीडी द्वारा लगाया गया, बावजूद एफसीआइ का ट्रक चालक पार्किंग जोन बना देता है. एफसीआइ ट्रक चालक द्वारा डिवाइडर एवं प्लेटिनम पोल को कई बार क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. यही कारण है कि इस स्पॉट पर बराबर घटना दुर्घटना होती रहती है. फिलहाल डिवाइडर एवं प्लैटिनम पोल को दुरुस्त करने की कोई योजना विभाग के पास नहीं है. इस सड़क किनारे सिर्फ मार्किंग किया जाना है. यह विभाग के योजना में है, ताकि कोहरे में सड़क से वाहन भटक न जाए.
विभाग से कोई संबंध नहीं
एसएफसी के डीएम मंजय कुमार ने बताया कि धान लदा जो ट्रक क्षतिग्रस्त हुआ है, उसका विभाग से कोई संबंध नहीं है. अगर किसान से प्राप्त धान राइस मिल जा रहा होता तो उसमें जीपीएस लगा होता. विभाग की निगरानी में होता. विभाग के सिस्टम में यह ट्रक नहीं दिख रहा है.
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