आषाढ़ की पहली बौछार के साथ मानसून ने दी दस्तक

आषाढ़ की पहली बारिश के साथ मानसून ने दस्तक दे दी. धरती की भी प्यास बुझी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2024 12:01 AM

कमतौल. आषाढ़ की पहली बारिश के साथ मानसून ने दस्तक दे दी. धरती की भी प्यास बुझी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बारिश से किसानों के मन की फसल लहलहा उठी है. कुछ इलाकों में जहां खेत पानी से भर गए, वहीं सूख रहे तालाब में भी जान लौटती नजर आ रही है. आषाढ़ माह की पहली बारिश से किसानों के मुरझाए चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. बारिश के इंतजार में किसानों की आंखें पथरा गयी थी. किसान इंतजार कर रहे थे कि कब बारिश हो कि वे अपने खेतो में धान का बिचड़ा डालें, ताकि समय से धान की रोपनी की जा सके. गुरुवार को कुछ देर तक हुई झमाझम बारिश से मानों किसानों की मनोकामना पूरी हो गयी. यही समय है जब धान का बिचड़ा डाला जाता है. यह समय भी बीता जा रहा था, लेकिन आज जमकर हुई. बेलबाड़ा के प्रगतिशील किसान धीरेंद्र कुमार, किसान हरिवंश दास, विजय दास, नरेंद्र कुमार सिंह, अमरनाथ राय, सुनैना देवी, पंकज कुमार सिंह, दीप कुमार सिंह, चुनचुन राय आदि ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब धान की बुआई समय से हो जायेगी. खेतों में अब पर्याप्त नमी आ गयी है. यह सभी फसलों के लिए अच्छा है. बुधवार तक किसानों किसानों के मुरझाए चेहरे गुरुवार को खिले दिख रहे हैं. देर से सही गुरुवार को मानसून की बारिश होने पर जनजीवन को अंगद-पांव की तरह जमी गर्मी से निजात मिली है. ग्रामीण क्षेत्रों में प्यासी धरती में जहां अन्न उत्पादन की शक्ति आई है. धरती की फटी दरारें पटनी शुरू हो गयी हैं.

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