Darbhanga News: दरभंगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जमीन का कराये जा रहे सर्वे के दौरान अभिलेखागार से अभिलेखों का सर्चिंग तथा नकल निकालना आसान नहीं है. लोगों की भीड़ के सामने सरकारी सिस्टम घिसट-घिसट कर चल रहा है. सच्ची प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के लिए अभिलेखागार में न तो पर्याप्त कर्मचारी है, न फोटो स्टेट मशीन और न पर्याप्त कंप्यूटर सेट ही उपलब्ध है. उधर, ऑनलाइन सुविधा भी लोगों को नहीं मिल पा रही है. विभाग का साइट दिन में सर्वर डाउन होने की वजह से सामान्यत काम नहीं करता. ग्रामीण एवं साइबर कैफे वाले की मानें तो साइट खुलने के इंतजार में कंप्यूटर एवं एंड्राइड मोबाइल के सामने रात भर बैठना पड़ रहा है. नतीजा यह है कि बाप-दादों के नाम वाले खतियान के लिए जिला अभिलेखागार के गेट पर सुबह आठ बजे से ही सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण एवं बिचौलिये चिरकुट फॉर्म के साथ लाइन में लग जा रहे हैं.
तत्काल सेवा के नाम पर किया जा रहा पैसों का दोहन
अभिलेखागार के बरामदे पर जमे अवैध कर्मी, दस्तावेज सर्चिंग के लिए 05 रुपये का टिकट चिपका कर चिरकुट फाइल करने के बदले लोगों से तत्काल सेवा के नाम पर हजार रुपये तक वसूल रहे हैं. सर्चिंग के उपरांत दस्तावेज मिल जाने पर, तत्काल सेवा में सच्ची प्रतिलिपि की सरकारी कीमत 02 रुपये प्रति पन्ना के बदले प्रति पन्ना न्यूनतम हजार रुपये वसूले जाने की बात कही जा रही है. बताया जाता है कि पीड़ितों की नब्ज को नाजायज कर्मियों ने पकड़ लिया है.
नाजायज कर्मियों से सावधान करने को चिपकाया गया है पोस्टर
हालांकि नाजायज कर्मियों से सावधान रहने को लेकर दीवाल पर कई जगह विभाग की ओर से पोस्टर चिपका कर रखा गया है. इनमें कहा गया है कि अभिलेखागार कार्यालय से संबंधित कार्य के लिए बिचौलिए के चक्कर में नहीं आवें. इसकी जवाबदेही कार्यालय की नहीं होगी. चिरकुट आवेदन पर 05 रुपये का कोर्ट फीस लगाकर आवेदन कार्यालय में जमा करें. कार्यालय से संबंधित किसी भी समस्या के निवारण के लिए जिला अभिलेखागार प्रभारी पदाधिकारी से संपर्क करें. बावजूद अधिकांश लोग नाजायज कर्मियों के चंगुल में फंसते हैं.खतियान निकालने पहुंचे लोगों ने कहा
खतियान निकालने पहुंची सुनीता देवी ने बताया कि वे सुबह आठ बजे ही अभिलेखागार के बरामदे पर पहुंच गये थे. मझिगामा मौजा का खतियान लेना है. एक व्यक्ति ने चार खेसरा का दस्तावेज तत्काल सर्चिंग के नाम पर एक हजार रुपये लिया है. शाम होने को है और अब पांच दिन बाद आने को कहा जा रहा है. क्या करें, क्या नहीं करें, समझ नहीं आ रहा है. हनुमाननगर प्रखंड के थलवाड़ा गांव के किशोरी रमण शर्मा ने बताया कि दो दिन से वे खतियान के लिए जिला अभिलेखागार आ रहे हैं. गेट पर बिचौलियों का कब्जा है. थलवाड़ा एवं शोभेपट्टी मौजा का खतियान लेना है. हायाघाट प्रखंड के बासडीह निवासी बिरन तिवारी ने बताया कि अभिलेखागार के अंदर इतनी कम जगह है कि लोग धक्का-मुक्की करते हैं. भीतर में गर्मी इतनी है कि रूका नहीं जाता. लाइन में घंटों खड़ा होकर खतियान निकालना बस की बात नहीं है.भीड़ बढ़ी, लेकिन सुविधा की नहीं की गयी वैकल्पिक व्यवस्था
अभिलेखागार के प्रधान लिपिक ने बताया कि कर्मचारी की भारी कमी है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की आवश्यकता है. दो फोटो स्टेट मशीन एवं दो कंप्यूटर सेट की आवश्यकता है. इसकी जानकारी उपर देने के बावजूद अबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. भीड़ की वजह से ढ़ंग से काम नहीं हो रहा है. अनधिकृत प्रवेश निषेध का बोर्ड लगे हुए जाने के बावजूद लोग भीतर प्रवेश करते रहते हैं.कहते हैं अधिकारी
प्रभारी पदाधिकारी अभिलेखागार प्रशांत कुमार ने बताया कि दस्तावेज सर्चिंग अथवा सच्ची प्रतिलिपि के लिए सामान्य दिनों में 100 से 150 के बीच चिरकुट फाइल होते थे. कुछ सप्ताह से 02 से 03 हजार के बीच चिरकुट फाइल हो रहे हैं. फाइल किए गए चिरकुट को सिस्टम में लाने में समय लग रहा है. नतीजतन दस्तावेज का नकल निकालने के लिए न्यूनतम 02 सप्ताह का समय लग रहा है. डॉक्यूमेंट सर्चिंग अथवा सच्ची प्रतिलिपि के लिए विभाग की साइट का लोग उपयोग कर सकते हैं. कार्यालय में पर्याप्त उपस्करों की व्यवस्था दो दिनों में कर दी जायेगी. बिचौलियों से बचने को लेकर लगातार आम लोगों को सलाह दी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है