Darbhanga News : 2005 से पहले सरकारी अस्पताल जाने से कतराते थे लोग, आज ऐसी व्यवस्था कि जाना नहीं चाहते लोग: मंत्री

. जाले रेफरल अस्पताल परिसर में छह करोड़ 14 लाख 98 हजार एक सौ पैंतीस रुपये से नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विधिवत उद्घाटन स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 23, 2024 11:07 PM
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जाले/कमतौल. जाले रेफरल अस्पताल परिसर में छह करोड़ 14 लाख 98 हजार एक सौ पैंतीस रुपये से नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विधिवत उद्घाटन स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया. मौके पर राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता, जाले विधायक जीवेश कुमार, नगर विधायक संजय सरावगी, जदयू के जिलाध्यक्ष गोपाल मंडल सहित कई वरीय पार्टी कार्यकर्ता मंचासीन रहे. आगत अतिथियों का पाग-चादर और पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया.

मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 2005 से पहले लोग सरकारी अस्पताल जाने के लिए तैयार नहीं होते थे. आज स्थिति यह है कि लोग अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी घर जाने को तैयार नहीं होते, क्योंकि अब अस्पतालों की स्थिति में बहुत बदलाव हो गया है. चिकित्सक इलाज करते हैं, दवा मिलती है. साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है. लाइफ स्पोर्ट सिस्टम से युक्त एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध होती है. मंत्री ने कहा कि अब बिहार बदल रहा है. इस बदलते बिहार में स्वास्थ्य सेवा ही नहीं सड़कें भी बेहतर हुई है. सभी क्षेत्रों में काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 234 तरह की दवाइयां मिलेगी. एपीएचसी में भी 151 तरह की दवाइयां मिलती है. उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनके कुशल मार्गदर्शन में पूरे देश में अस्पतालों में दवाइयां पहुंचाने के मामले में पहली बार नंबर एक पर पहुंचा है. उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि सिंहवाड़ा प्रखंड में भी जल्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा प्रदान किया जाएगा.

इस अवसर पर नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि 2005 से पहले स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदतर थी, आज अस्पताल में इलाज होता है, दवाइयां मिलती है. जाले विधायक जीवेश कुमार ने मंत्री के प्रति अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 21 में जिस अस्पताल को आपने मंत्रित्व काल में दिया था, उसका उद्घाटन भी आज आपने किया. आपके रहते यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाले और आसपास के लोगों के लिए एम्स साबित हो. इसके लिए चिकित्सक और नर्सों के आवास की व्यवस्था कर दीजिए.

लोगों को मिलेगा आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का लाभ

छह करोड़ 14 लाख 98 हजार एक सौ 35 रुपए की लागत से नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन में पुराने भवन की अपेक्षा मरीजों के लिए कई तरह की नयी सुविधा उपलब्ध होगी. भूतल में पंजीकरण काउंटर सहित छह ओपीडी, माइनर ओटी, आपातकालीन वार्ड एवं दवाखाना है. प्रथम तल पर दो बेड वाला चार प्रसव कक्ष है. नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए न्यूबॉर्न चाइल्ड केयर युनिट की बेहतर सुविधा है. पैथोलॉजी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था है. ऑपरेशन थियेटर, महिला एवं पुरुषों के लिए प्री एवं पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड सहित आईसोलेशन वार्ड की सुविधा है. बताया जाता है कि एक ही कक्ष में छह ओपीडी चिकित्सक होने से मरीजों को अपने इच्छा के अनुसार चिकित्सक से इलाज करवाने की सुविधा मिलेगी.

जलवायु में परिवर्तन के कारण खेती के तरीके में भी करना होगा बदलाव: मंगल पांडेय

कमतौल/जाले.

कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को जलवायु अनुकूल खेती जागरूकता सह संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन देर शाम स्वास्थ्य व कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया. मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के कुलपति डॉ पीएस पांडेय, राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता, नगर विधायक संजय सरावगी, विधायक जीवेश कुमार, केंद्र के अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर सहित सभी वैज्ञानिक, कर्मी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.कृषि मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन होने से जब हमलोग परेशान हैं. तो स्वाभाविक है कि फसल भी परेशान होती होगी. जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उपज प्रभावित हुई है, इसलिए खेती में भी बदलाब लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पहले तालाबों में मखान होता था, अब खेतों में हो रहा है. उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के उपाय किए गए हैं. दलहन उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. मखाना अनुसंधान केंद्र का अपना निदेशक होगा. केंद्र सरकार के सहयोग से दिसंबर से पहले एपीडा की स्थापना कृषि भवन में हो जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर हर दिन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सोचती रहती है. मार्केटिंग की व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश जारी है. उन्होंने विधायक की मांग पर विचार करते हुए कहा कि किसानों के लिए वातानुकूलित प्रशिक्षण भवन बनेगा, इसकी लागत करीब डेढ़ करोड़ होगी. मौके पर मंत्री ने परिसर में लीची के पौधे भी लगाएं.

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