दरभंगा. जिले में 19 स्तर से 48 हजार 865 प्लॉट-फ्लैट एवं अपार्टमेंट की खरीद-बिक्री पर रोक लगी हुई है. प्लॉट-फ्लैट एवं अपार्टमेंट पर सालों से न्यायालय, भू-अर्जन, भू-हदबंदी, ट्रिब्यूनल, धार्मिक न्यास, सुन्नी वफ्फ बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, आइटी, भूदान, नगर निगम, डीएम, एडीएम, डीसीएलआर सहित अन्य स्तर से रोक लगी हुई है. न्यायालय स्तर से लगी हुई रोक को छोड़ कर ऐसी सभी संपत्तियों, प्लॉट या अपार्टमेंट की बिक्री पर लगी हुई रोक की समीक्षा करने को जिला से कहा गया है. मद्द निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सहायक निबंधन महा निरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने डीएम के साथ प्रमंडलीय सहायक निबंधन महा निरीक्षक, जिला अवर निबंधक और अवर निबंधक को इस बावत पत्र लिखा है. जारी पत्र में कहा है कि अगर रोक से प्रभावित व्यक्ति या संस्था से इतर प्लॉट-फ्लैट या अपार्टमेंट है, उस प्लॉट या अपार्टमेंट को जांचोपरांत मुक्त करते हुए निबंधन का आदेश दिया जा सकता है. खासकर शहरी क्षेत्र में किसी खास भूमि या विशेष फ्लैट पर रोक रहने की स्थिति में उस पर या अगल-बगल मौजूद दूसरे फ्लैट या भूमि पर भी रोक लगने की समस्या के संग दूसरे का भी निबंधन प्रभावित होने के कई मामले सामने आए हैं. पत्र में कहा गया है कि भू-अर्जन विभाग जिस खेसरा के टुकड़ा को अधिग्रहित करती है उसके समूचे खेसरा की बिक्री पर रोक लगा देती है. इससे आमजन को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी इसका पुनर्मूल्यांकन करेगी. आदेश में कहा गया है कि दस्तावेजों की जांच करने के बाद फाइल पर इससे संबंधित निर्णय प्रमाण पत्र के साथ लिया जा सकता है. विभागीय डाटा सेंटर पर अपलोड कर ओटीपी प्राप्त होने पर संपत्ति को रोक-मुक्त किया जा सकता है. ऐसे दस्तावेज को निबंधन करने के तत्काल बाद रोक को फिर से प्रभावित करना संबंधित जिला अवर निबंधक की व्यक्तिगत जबावदेही होगी. आदेश पत्र में कहा गया है कि न्यायालय से निबंधन पर रोक से खरीद-बिक्री तब तक प्रभावित रहेगी, जब तक कोर्ट के स्तर से निर्णय नहीं आ जाता है. इससे एक आरोपित के कारण दूसरे भी प्रभावित हो रहे हैं. अवर निबंधक निगम प्रकाश ज्वाला ने बताया कि भू-अर्जन विभाग द्वारा जिस भूमि को सरकारी कार्य के लिए अधिग्रहित किया जाता है, समय-समय पर समाहर्ता स्तर से गठित कमेटी के निर्णय के आलोक में शेष भूमि को अधिग्रहण से मुक्त उपरांत निबंधन की छूट दी गई है. न्यायालय के आदेश के उपरांत भी अब तक कई फ्लैट, प्लॉट व अपार्टमेंट को रोक सूची से हटाया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है