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प्रभु की शरणागति के लिये बना है मानव तन

श्रीराम कथा सत्संग महोत्सव को लेकर 22 नंबर रेलवे गुमटी शाहगंज बेंता में मंगलवार को कलश शोभा यात्रा निकाली गयी.

दरभंगा. श्रीराम कथा सत्संग महोत्सव को लेकर 22 नंबर रेलवे गुमटी शाहगंज बेंता में मंगलवार को कलश शोभा यात्रा निकाली गयी. कथा का उद्घाटन संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय, विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी, प्रो. दिनेश झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. आचार्य वेदानंद शास्त्री कथा का प्रारम्भ करते हुए कहा कि यह मानव तन प्रभु की शरणागति के लिए ही बना है. मानव को सकाम या निष्काम प्रभु से जुड़कर जीवनोद्देश्य में लगना चाहिए. संत सेवा और जीव मात्र में भगवान की अनुभूति करते रहने की बात कही. कहा कि भजन के बिना यह जीवन अधूरा है. गुरु की शरण में अपने-आपको संपूर्णता से लगाने की बात तुलसीदास ने रामकथा में बतायी है. गोस्वामी ने इस चराचर जगत के हरेक जीव को दंडवत प्रणाम करते हुए राम कथा को सरलता व सहजता से प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रासंगिक है. आचार्य ने कहा कि हमें अपनी गृहस्थी को ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से चलाते रहना चाहिए. सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि इससे पांच प्रकार का लाभ होता है, सन्मार्ग, भक्ति, शांति, पाप कर्मों से मुक्ति व मोक्ष. यही हमारे जीवन का सार भी है. भगवान की वंदना का महत्व बताते हुए कहा कि यह हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण व सर्वप्रथम कार्य है. कहा कि श्रीराम भी प्रातःकाल अपने माता-पिता व गुरु को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेते थे. आयोजक अनीश कुमार सिंह, परशुराम सिंह, बीनू महतो, प्रभाकर सिंह, राजेश चौधरी, दिवाकांत झा, शशिभूषण लाल आदि कार्यक्रम की सफलता में जुटे दिखे.

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