Darbhanga News: कमतौल. प्रातः स्मरणीय पंच कन्याओं में शामिल देवी अहल्या पवित्र थी और पवित्र रहेगी. अहल्या की पवित्रता को साबित करने के लिए प्रभु श्रीराम को अहल्यास्थान आना पड़ा. प्रभु श्रीराम भारतीय संस्कृति और सभ्यता के धरोहर हैं. उक्त बातें अलीनगर के विधायक मिश्रीलाल यादव ने महोत्सव के समापन सत्र का उद्घाटन करने के बाद संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि अहल्यास्थान आने के लिए पूरब, पश्चिम, उत्तर दिशा की सड़कें बन गयी है, परंतु दक्षिण दिशा की ओर लंगड़ा मोड़ से हरिहरपुर के रास्ते अहल्यास्थान आने वाली सड़क जर्जर है. इसके लिए सदन में आवाज उठाऊंगा. वहीं उपविकास आयुक्त चित्रगुप्त कुमार ने कहा कि महोत्सव से अहल्यास्थान की ख्याति दूर दूर तक पहुंच रही है. मंच संचालन न्यास के सचिव हेमंत कुमार झा और धन्यवाद ज्ञापन न्यास के सदस्य सह सीओ वत्साक ने किया. मौके पर न्यास के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर, उपाध्यक्ष विमल कुमार यादव, सदस्य सह सीओ वत्साक, सदस्य सह थानाध्यक्ष पंकज कुमार, अंजनी निषाद, सच्चिदानंद चौधरी, एसडीपीओ सदर टू ज्योति कुमारी, बीडीओ मनोज कुमार, थानाध्यक्ष जाले, केवटी, मौजूद थे.
अहल्या उद्धार को भाव नृत्य से किया साकार
13 वें राजकीय अहल्या-गौतम महोत्सव के समापन सत्र को सृष्टि ग्रुप के कलाकारों ने अहल्या उद्धार प्रसंग की जीवंत प्रस्तुति कर यादगार बना दिया. झांकी प्रस्तुति के दौरान पंडाल का माहौल पूरी तरह भक्ति के रंग में सराबोर रहा. दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया. ग्रुप के लीडर जयप्रकाश पाठक की अगुआई में कलाकारों ने अपने हरेक प्रस्तुति से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया. दिवंगत स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के प्रसिद्ध गीत बलमुआ कैसे तेजब हो छोटी ननदी जैसे कई कर्णप्रिय लोकगीत पर भाव नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. काशी दशाश्वमेध घाट के अभिनंदन शर्मा ने साथी कलाकारों ने महाआरती प्रस्तुत की. भक्तिमय माहौल में प्रस्तुत अहल्या आरती दर्शकों को गंगा किनारे होने वाली आरती की याद ताजा कर दिया. समापन सत्र में अहल्या सन्देश नामक पत्रिका का विमोचन किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है