जीएनएम नर्सिंग की छात्राओं का प्रदर्शन प्रभारी प्राचार्य पर पड़ा भारी
जीएनएन नर्सिंग की छात्राओं का मांगों को लेकर प्रदर्शन करना प्रभारी प्राचार्य को महंगा पड़ गया.
दरभंगा. तीन अगस्त को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के समक्ष डीएमसीएच के जीएनएन नर्सिंग की छात्राओं का मांगों को लेकर प्रदर्शन करना प्रभारी प्राचार्य को महंगा पड़ गया. छात्रावास की सुविधा की मांग को लेकर छात्राएं अधिकारियों के सामने प्रदर्शन की थी. इस मामले में विभाग ने सख्त कदम उठाया है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा ने नर्सिंग स्कूल के प्रभारी प्राचार्य इंद्रमणि मिश्रा से स्पष्टीकरण पूछा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय ने प्रभारी प्राचार्य को सस्पेंड करते हुए मगध प्रमंडल मुख्यालय से अटैच कर दिया है. इन निर्णयों से नर्सिंग छात्राओं में आक्रोश व्याप्त हो गया है. विभागीय कार्रवाई को लेकर छात्राएं सोमवार को विभागीय अधिकारियों के प्रति गुस्से में दिखी. जीएनएम स्कूल के प्रभारी प्राचार्य पर कार्रवाई को लेकर अस्पताल कर्मियों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है. मामले को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि विभाग का यह फरमान तुगलकी है. इसे तुरंत वापस लेना चाहिए. चर्चा है कि प्रभारी प्राचार्य को स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिए समय भी नहीं दिया गया. विभाग ने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई कर दी. यह सही नहीं है. कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि वर्षों से छात्राओं की मांग का कोई समाधान नहीं निकला. परिसर में फेब्रिकेटेड भवन समय से बन जाने से यह समस्या नहीं होती. कहा कि कार्रवाई तो ठेकेदार पर की जानी चाहिए थी. तीन अगस्त के मामले को लेकर प्रभारी प्राचार्य द्वारा छात्राओं से स्पष्टीकरण पूछा गया था. जवाब में छात्राओं ने कहा है कि तीन जून को वे लोग छात्रावास की समस्या को लेकर अपर मुख्य सचिव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपना चाहती थी. इसी दौरान आपातकालीन गेट के चौराहा पर जाम लग गया. इस कारण विभागीय अधिकारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा. छात्राओं ने कहा कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होगी. डीएमसी प्राचार्य द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरण का जवाब प्रभारी प्राचार्य इंद्रमणि मिश्रा ने दे दिया है. कहा है कि नर्सिंग छात्राएं बिना जानकारी दिये अपर मुख्य सचिव से मिलने चली गयी. उस समय वे ओल्ड रेडियोलॉजी विभाग में परीक्षा ले रहे थे. बताया कि जानकारी मिलने पर तुरंत छात्रावास के गेट पर पहुंचकर छात्राओं को स्कूल पहुंचने को कहा. साथ ही छात्राओं से स्पष्टीकरण भी पूछा गया.
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