Darbhanga News: नयी पीढ़ी को दायित्व बोध कराने के साथ प्रकृति के सहचार्य का पर्व मकर संक्रांति संपन्न

Darbhanga News:मकर संक्रांति नयी पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति उनके दायित्व का बोध कराने के साथ संपन्न हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 10:18 PM

Darbhanga News: दरभंगा. प्रकृति में होने वाले बदलाव के अनुरूप खुद को तैयार करने का संदेश देने वाला पर्व मकर संक्रांति नयी पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति उनके दायित्व का बोध कराने के साथ संपन्न हो गया. इसे लेकर एक दिन पूर्व सोमवार से ही परिवार में उत्सवी वातावरण था. घर की महिलाओं ने त्योहार में उपयोग आने वाले चूड़ा, मुरही, तिल आदि की लाइ तैयार कर लिए थे. मंगलवार की सुबह मुंह अंधेरे लोगों ने बिस्तर छोड़ दिया. फिर से अचानक बढ़ गई ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं पर इसका असर नहीं दिख रहा था. लोगों ने पवित्र जल से स्नान कर पूजा की. भिगोए हुए अरवा चावल, तिल एवं गुड़ का प्रसाद भोग लगाया. इसके बाद अपने से छोटे घर के सदस्यों के बीच प्रसाद स्वरूप इसका वितरण किया. इस दौरान तिल खेत बहबऽ? के जवाब में स्वीकारोक्ति नयी पीढ़ी की ओर से मिली. उल्लेखनीय है कि इस पर्व के मौके पर तिल देकर नयी पीढ़ी को भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर बुजुर्गों की सेवा का दायित्व बोध कराया जाता है.

रात में लिया सब्जी मिश्रित खिचड़ी का आनंद

इधर, मकर संक्रांति पर्व पर बच्चों का उत्साह चरम पर नजर आया. सुबह-सुबह स्नान आदि से निवृत होकर कुरकुरे चूड़ा, मुरही, तिल आदि के गुड़ की चासनी में लिपटकर लजीज बनी लाइ का आनंद लिया. तिलकुट भी खाए. दिन में लोगों ने परंपरा के अनुसार चूड़ा-दही भोजन किया. रात में आलू, गोबी, मटर, टमाटर आदि सब्जियों के साथ तैयार स्वादिष्ट खिचड़ी के साथ विभिन्न तरह के तरुआ का स्वाद लिया.

परंपरा के अनुरूप श्रद्धालुओं ने किया गरीबों के बीच दान

इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी क्षमता के अनुसार दान भी किया. विभिन्न तरह की लाइ के अलावा गर्म खिचड़ी आदि भी दान किये. गर्म कपड़े भी जरूरतमंद के बीच बांटे. माधवेश्वर परिसर के अलावा केएम टैंक शिवालय, पुलिस लाइन महावीर मंदिर, लहेरियासराय एवं दरभंगा जंक्शन के समीप अवस्थित शनिदेव मंदिर, सैदनगर काली मंदिर आदि स्थलों पर देर शाम तक दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु दान करते नजर आए.

बच्चों एवं युवाओं ने जमकर पतंगबाजी भी की. दोपहर बाद सर्द मौसम होने के बावजूद अपने घर की छत से पतंग उड़ाने लगे, वहीं राज परिसर में भी बड़ी संख्या में लोग रंग-बिरंगे पतंग लेकर पहुंचे. इसमें बच्चों व नौजवानों की संख्या अधिक थी. अधेड़ आयु वर्ग के लोग भी शरीक दिखे.

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