पीजीआर के तहत दायर मामलों में सार्थक कार्रवाई प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध करावें सभी लोक प्राधिकार
बिहार लोक शिकायत निवारण (पीजीआर) अधिकार अधिनियम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है.
दरभंगा. डीएम राजीव रोशन ने सभी लोक प्राधिकार को पत्र जारी कर कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण (पीजीआर) अधिकार अधिनियम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसमें आमजनों को एक निर्धारित अवधि में उनके द्वारा दायर वादों का सार्थक निराकरण किया जाता है. इस अधिनियम के तहत दायर वादों का निराकरण 60 कार्य दिवस की अवधि में करने का प्रावधान है, परंतु दायर मामलों की सुनवाई के क्रम में यह ज्ञात हो रहा है कि लोक प्राधिकार परिवादों,अपील वादों की सुनवाई में स्वयं उपस्थित नहीं होकर वैसे कर्मी को भेज देते हैं, जिन्हें विषय वस्तु की जानकारी नहीं होती. इसके कारण परिवादियों द्वारा रोष व्यक्त किया जाता है. इनमें से कुछ प्राधिकार ऐसे भी है, जो सुनवाई में कभी उपस्थिति ही नहीं होते हैं. उन्होंने प्रावधान के तहत लोक प्राधिकार को सुनवाई में स्वयं उपस्थित होने को कहा. अपरिहार्य कारणों से स्वयं उपस्थित नहीं की स्थिति में विषय-वस्तु से भलीभांति अवगत पदाधिकारी को ही भाग लेने हेतु प्राधिकृत करने का निर्देश दिया है. कहा कि वर्तमान परिदृश्य में जो लोग प्राधिकार आने में असमर्थ होते हैं. उनके लिए ऑन लाइन माध्यम से भी सुनवाई की व्यवस्था की गयी है. हालांकि कुछ लोक प्राधिकार इस माध्यम से जुड़ने में असमर्थता व्यक्त करते हैं. कहा कि इस स्थिति के कारण परिवाद की सुनवाई लंबी अवधि तक चलती रहती है और परिवादों,अपीलवादों में सार्थक निराकरण कर कार्रवाई प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इसके कारण जिले की रैंकिंग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में संबंधित लोक प्राधिकार के विरुद्ध बिहार लोक शिकायत निवारण के प्रावधानों के तहत अर्थदंड व विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा विभाग से की जायेगी.
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