Darbhanga News : संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की बैठक हुई. निर्णय लिया गया कि मांगलिक कार्यों एवं संस्कारों को सम्पादित करने के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय आम लोगों को विशेषज्ञ पुरोहित उपलब्ध करायेगा. इसके लिये मानदेय की राशि ही जमा करनी होगी. नई व्यवस्था को बहुत जल्द मूर्त रूप दिया जायेगा. ज्योतिष विभाग के अधीन जन सुविधा के लिए एक वहिरंग विभाग (ओपीडी) संचालित किया जायेगा. इसे ज्योतिष ओपीडी कहा जायेगा. इसे लेकर रोडमैप तैयार कर लिया गया है. यहां ज्योतिष परामर्श भी दिया जायेगा. विश्वविद्यालय पंचांग के वैदिक आधार ”मकरंद प्रकाश” समेत अन्य ज्योतिष पद्धतियों को पेटेंट कराया जायेगा. पीआरओ निशिकांत ने बताया कि एक नया संकाय
Darbhanga News : आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय कि होगी स्थापना
आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय स्थापित होगी. इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार होगा. विद्वत परिषद ने इस पर मुहर लगा दी है. इसके पूर्व बैठक में चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम के प्रवेश अध्यादेश व परीक्षा विनियमावली पर चर्चा हुई. मामले में राजभवन के दिशा निर्देशों का अनुपालन करने पर आम राय रही. प्रकाशन समिति में विद्वत परिषद से एक सदस्य मनोनीत करने लिए सदन ने कुलपति को अधिकृत कर दिया. संबद्ध काॅलेजों में प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की नियुक्ति व प्रोन्नति के लिए विषय विशेषज्ञों की सूची तैयार करने के प्रस्ताव पर निर्णय हुआ कि सभी संकायाध्यक्ष एक सप्ताह में अपने राज्य के व बाहर के कम से कम पांच -पांच प्रोफेसर का नाम उपलब्ध करायेंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाये. सक्षम प्राधिकारों से हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जायेगा. स्ववित्तपोषित इन सभी पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने वाले छात्रों को प्रारंभिक संस्कृत पढ़ना अनिवार्य होगा. आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय में आने वाले मुख्य पाठ्यक्रमों में पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन एन्ड जर्नलिज्म, पीजीडीसीए, डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन स्टडीज, भारतीय विधि शास्त्र (एलएलबी), बीबीए, बीसीए, एमलिस, एमबीए, एमसीए समेत करीब दर्जन भर कोर्स शामिल है. पहले से संचालित सर्टिफिकेट कोर्स भी जारी रहेगा. नामांकन शुल्क में एकरूपता व समरूपता के लिए कमेटी गठन का निर्णय लिया गया.
Darbhanga News : छात्र हित को रखा जाए सर्वोपरि
प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार ईश्वर ने कहा कि छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रधानाचार्यों पर विशेष दबाव बनाने की जरुरत है. प्राइवेट छात्रों को भी प्रवेश व परीक्षा देने की वकालत की. डॉ रामसेवक झा ने नव सृजित पाठ्यक्रम पर विचार रखा. ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा, धर्मशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा, व्याकरण विभाग अध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा, डॉ साधना शर्मा ने भी बातें रखी. कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि छात्र हित को सर्वोपरि रखा जाय. छात्र ही विश्वविद्यालय की रीढ़ हैं. कहा कि शास्त्र परंपराओं को भी सुदृढ़ करना है और नई शिक्षा नीति के तहत आधुनिक बहुविषयक शिक्षा को भी बढ़ाना है. प्रतिकुलपति प्रो. सिद्दार्थ शंकर सिंह ने कहा कि वैसे पाठ्यक्रम बनाएं, जिससे समाज को सीधा लाभ मिले. प्रो. बोध कुमार झा ने कालेजों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स गठन की सलाह दी. स्वागत भाषण कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने दिया.