Darbhanga News: राष्ट्र निर्माण में राज दरभंगा के योगदान को भुलाना असंभव

Darbhanga News:महाराजाधिराज से जुड़े विभिन्न संस्थानों का नाम उनके नाम पर होना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 10:55 PM
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Darbhanga News: दरभंगा. महाराजाधिराज से जुड़े विभिन्न संस्थानों का नाम उनके नाम पर होना चाहिए. यह बात रामबाग में महाराज सर कामेश्वर सिंह की 117वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कही. उन्होंने कहा कि अगर बीएचयू को बनाने का सर्वश्रेष्ठ कार्य किसी ने किया, तो वह दरभंगा राज परिवार है. कुलपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में इस परिवार के योगदानों को भुलाना असंभव है. राज परिवार के युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह की ओर से रामबाग में अपने दादा सह संविधान सभा के सदस्य, राज्य सभा सदस्य महाराज कामेश्वर सिंह की जयंती समारोह आयोजित किया गया था.

डीएमसीएच परिसर में लगे महाराज रामेश्वर सिंह की प्रतिमा- डॉ वर्मा

वरीय नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रमन कुमार वर्मा ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज की स्थापना बिना महाराज के असंभव था. आज जो हम एम्स की परिकल्पना कर रहे हैं, यह इस परिवार की ही देन है. उन्होंने डीएमसीएच परिसर में महाराज रामेश्वर सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की.

राज परिवार का त्याग और बलिदान भूलना असंभव- डॉ बैजू

विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि राज परिवार का त्याग और बलिदान भूलना असंभव है. भूमि के साथ-साथ मकान देकर महाविद्यालयों की स्थापना एवं हजारों परिवारों को रोजगार देने का कार्य राज परिवार ने किया. डीएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने कहा कि लेडी हाडिंग कॉलेज में उनकी पढ़ाई हुई. उसी कॉलेज से महाराज के योगदानों की चर्चा सुनी. कहा की एक इंसान इतनी अल्प आयु में इतने ऐतिहासिक कार्यों को कैसे कर सकता है, यह अपने आप में ऐतिहासिक बात है. प्रो. हेमपति झा ने कहा कि मिथिला ही नहीं पूरे राष्ट्र के सिरमौर महाराज रहे.

अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह कर रहा राज दरभंगा- कुमार कपिलेश्वर

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरभंगा एम्स की आधारशिला कार्यक्रम में राज दरभंगा के कृतित्व को दुनिया के सामने रखे. यह गौरवान्वित करने वाला पल रहा. कहा कि राज दरभंगा वर्तमान में भी अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह कर रहा है. स्वागत भाषण एवं मंच संचालन डॉ संतोष कुमार ने किया.

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