धार्मिक स्थल को पर्यटक स्थल में बदलने की सोच उचित नहीं
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने रामनवमी के दिन देश की विभिन्न नदियों के साथ माधवेश्वर परिसर अवस्थित तालाब के जल से वेद मंत्रोच्चार के संग जलाभिषेक व शुद्धिकरण यज्ञ किया
दरभंगा. भारत धर्म महामंडल के अध्यक्ष तथा प्रसिद्ध तंत्र साधक रहे महाराज दरभंगा रामेश्वर सिंह की चौरंगी स्थित प्रतिमा का कुमार कपिलेश्वर सिंह ने रामनवमी के दिन देश की विभिन्न नदियों के साथ माधवेश्वर परिसर अवस्थित तालाब के जल से वेद मंत्रोच्चार के संग जलाभिषेक व शुद्धिकरण यज्ञ किया. कुमार ने बताया कि कुछ दिन पूर्व कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके पितृ पुरुष रामेश्वर सिंह बहादुर की प्रतिमा के साथ आपत्तिजनक हरकत की. रामनवमी के दिन ही 1577 ई. में पूर्वज को मिथिला का राज्याभिषेक हुआ था. उस काल खंड से पितामह महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह तक राजा हुए. पितर पुरुष को पवित्र नदियों व तालाब के जल से वेद मंत्रोच्चार के साथ आज जलाभिषेक व शुद्धिकरण करने किया. कुमार ने कहा कि माधवेश्वर परिसर स्थित तालाब का विशुद्ध धार्मिक अनुष्ठान के लिए राज दरभंगा की ओर से निर्माण किया गया है. उसी के जल से माधवेश्वर परिसर अवस्थित सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक होता है. उसकी शुचिता बनी रहे. धार्मिक स्थल को पर्यटक स्थल में बदलने की सोच रखना कतई उचित नहीं है. उन्होंने इस धार्मिक धरोहर की पवित्रता को लेकर समाज से सहयोग-समर्थन का आशीर्वाद भी मांगा. परिसर की धार्मिक शुचिता कायम रखने को लेकर तालाब में वोटिंग पर रोक लगाने की मांग की.
राम हमारे आदर्श, उनसे मिलती न्याय व शील की सीख :
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि सनातन शास्त्रीय परंपरा में मन, विचार और कर्म की शुद्धता पर सर्वाधिक ध्यान दिए जाने की व्यवस्था रही है. मिथिला और राजपरिवार इस व्यवस्था का सदैव आग्रही रहा है. कहा कि भगवान राम उनके आदर्श हैं, उनसे न्याय और शील की सीख मिलती है.